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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इफको के पहले नैनो यूरिया संयंत्र को किया देश को समर्पित
गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इफको के कलोल, गुजरात मेंदुनिया के पहले नैनो यूरिया तरल संयंत्र का उद्घाटन किया। इससे किसानों को उत्पादकता बढ़ाने और आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। अत्याधुनिक नैनो यूरिया तरल उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र की सेवा को समर्पित किया। समारोह में अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया जी मौजूद थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें दुनिया के पहले नैनो-उर्वरक संयंत्र का लोकार्पण करते हुए बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि यूरिया की एक बोरी की शक्ति अब किसानों को यूरिया की आधा लीटर बोतल में उपलब्ध होगी जिससे परिवहन लागत कम होगी और छोटे किसानों को और अधिक सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। दुनिया के पहले नैनो-उर्वरक संयंत्र के उद्घाटन के मौको पर बोलते हुए श्री मोदी जी ने यह भी कहा कि कलोल में इफको का अत्याधुनिक नैनो-यूरिया संयंत्र प्रति दिन 1.5 लाख बोतल यूरिया का उत्पादन कर सकता है और ऐसे आठ और संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। वास्तव में यहभारतीय कृषि जगत में क्रांति लाकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा। इतना ही नहीं इससे यूरिया के आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
गृहमंत्री ने जताया आभार
इस अवसर पर केंद्रीय गृह सह सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इफको और उनके वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। शाह ने कहा कि नैनो यूरिया उर्वरक भारतीय कृषि जगत में क्रांति लेकर आएगा। इफको ने नैनो उर्वरकों के उत्पादन के लिए आंवला, फूलपुर, कलोल (विस्तार), बेंगलुरु और पारादीप, कांडला, देवघर (बिहार) और गुवाहाटी इकाइयों में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और नैनो माइक्रो पोषक तत्वों के उत्पादन के लिए विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं।
इन सभी इकाइयों में 3000 करोड़ के कुल निवेश के साथ प्रति दिन 2 लाख बोतलों की डिजाइन उत्पादन क्षमता होगी , जिसमें से 720 पहले से ही प्रतिबद्ध है और हजारों लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी। इफको के एमडी डॉ. यूएसअवस्थी ने प्लांट के वॉकथ्रू वीडियो की मदद से प्लांट के कामकाज और इसकी विभिन्न तकनीकों के बारे मेंजानकारी दी, जिसे लॉन्च के माध्यम से लाइव दिखाया गया। वहां मौजूद 7000 से अधिक किसानों और सह-संचालकों को दिखाया गया था, जिसकी प्रेरणा माननीय प्रधामंत्री जी की मिट्टी में यूरिया के उपयोग को कम करने के दृष्टिकोण से ली गई थी। उन्होंने कहा कि नैनोयूरिया क्रांति का वाहन ड्रोन होगा, क्योंकि यह आधुनिक कृषि तकनीकों और प्रथाओं को पेश करेगा।
3.60 करोड़ बोतल का उत्पादन
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया तरल फसल की पोषण गुणवत्ता औउत्पादकता बढ़ाने में बहुत प्रभावी पाया गया है और इसका भूमिगत जल और पर्यावरण की गुणवत्ता पर एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण कमी आई है। । उन्होंने बताया कि इफको नैनो यूरिया तरल की 3.60 करोड़ बोतल का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 2.50 करोड़ की बिक्री हो चुकी है। इफको के अध्यक्ष, श्री दिलीप संघाणी ने कहा कि नैनो यूरिया तरल को प्रधानमंत्री मोदी के आत्मानिर्भर भारत और सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण के अनुरूप बनाया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने पिछले साल की शुरुआत में दुनिया का पहलाइफको नैनो यूरिया (तरल) पेश किया था और जो फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (एफसीओ, 1985) में शामिल है
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