CFD का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन लखनऊ में सम्पन्न

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सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए CFD के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हीरामठ

24 अप्रैल 2022, लखनऊ। लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा स्थापित सिटीजेन्स फार डेमोक्रेसी का गांधी भवन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। कार्यक्रम से पूर्व जन जीवन की ज्वलंत समस्याओं के खिलाफ, यूएपीए जैसे काले कानूनों रद्द कर किये जाने, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर किये गये फर्जी मुकदमे वापस लेने सहित अन्य विषयों पर प्रस्ताव पारित किये गये।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए CFD के राष्ट्रीय महामंत्री श्री एन. डी. पंचोली

समापन सत्र को जस्टिस सुधीर वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी, सीएफडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरामठ, व महामंत्री व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एन. डी. पंचोली, गांधीवादी चिंतक राम सरन, सोशलिस्ट चिंतक रामकिशोर, सोशल एक्टविस्ट रामकृष्ण, महिला नेत्री जागृति राय, गांधी स्मारक निधि की पूर्व अध्यक्ष मणिमाला सहित अन्य लोगों ने सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के अन्त में सिटीजेन्स फार डेमोक्रेसी की संयोजन समिति के गठन का भी प्रस्ताव पारित कर श्री रामकिशोर व जागृति राय के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की संयोजन समिति का गठन भी किया गया।
पहले दिन सम्मेलन का उद्घाटन सीएफडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हीरेमठ ने किया। कार्यक्रम का संचालन दिनेश प्रियमन व एडवोकेट वीरेन्द्र त्रिपाठी ने किया।
सम्मेलन में लोकतंत्र समाज के राष्ट्रीय नेता और प्रदेश के तमाम जनसंगठनों, नागरिक अधिकार संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुये। चर्चा का मुख्य सवाल देश में लोकतंत्र की लगातार कमजोर होती स्थिति और नागरिक अधिकारों का दमन था।

दूसरे दिन सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए जस्टिस सुधीर वर्मा

चर्चा को शुरू करते हुये रामशरण ने लोकतंत्र पर बढते हमलों पर विस्तृत बात रखी और उससे संघर्ष के लिये व्यापक एकता का आह्वान किया। इसी सत्र में गांधी स्मारक निधि की पूर्व अध्यक्ष मणिमाला ने श्रमिक अधिकारों पर बढते हमले, धर्म का नया हमलावर रूप और सत्ता के संरक्षण में बढते दंगों के बारे में बात रखी। उनका कहना था कि अब हमें जोखिम लेकर इसका प्रतिरोध करना पडेगा।

प्रस्ताव पेश करते हुए ओ पी सिन्हा

लोकनायक जय प्रकाश नारायण के राजनीतिक सचिव सुरेंद्र विक्रम ने कहा कि जनतंत्र समाज का मुख्य काम लोक शिक्षण का था और उसे फिर से शुरू करना होगा। प्रतिरोध के लिए संगठन एक बुनियादी जरूरत है। हमें अहिंसात्मक सत्याग्रह के राह पर चलने का निश्चय करना होगा। अरूण माझी ने कहा कि आज तानाशाही से बडा खतरा फासीवाद का है और इसे गांधीवादी तरीके से पराजित किया जा सकता है।
अभिनाश मिश्रा ने सरकारी उद्यमों के निजीकरण का सवाल उठाया और अभिव्यक्ति की आजादी की चुनौतियों की बात रखी। जागृति राही ने कहा कि यह दौर कार्यवाही और आंदोलनों का है। हमें पीड़ित लोगों के साथ खड़ा होना होगा। चुनौती के समय हमेशा गांधी के लोगों का साथ खड़ा होना होगा। चुनौती के समय हमेशा गांधी के लोग आगे आये हैं।
जनतंत्र समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरेमठ ने जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति की याद दिलाई और श्रमजीवी संस्कृति में गिरावट और नैतिक मूल्यों में ह्रास की समस्या रखते हुए समाज सुधारक सूफी संतों की चर्चा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में जनतंत्र समाज की एक सक्रिय कमेटी बनाने का आह्वान किया। सीएफडी के राष्ट्रीय महामंत्री एन. डी. पंचोली ने लोगों के बीच जाने का आह्वान किया। मिथ्या प्रचार और नायकवाद की समस्या उठाई और हर प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ खडा होने की अपील की।

संयोजन समिति

सम्मेलन को मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार आनन्द वर्धन सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सुमन गुप्ता, ट्रेड यूनियन नेता ओ. पी. सिन्हा, रामकृष्ण, वर्तिका सिंह, भगवान स्वरूप कटियार, आलोक , संदीप पांडे, कल्पना पांडे, लता राय, के के शुक्ला, देवेंद्र वर्मा, डा. नरेश कुमार, थामस,हाफिज किदवई, आलोक, राजीव, आशीष यादव सहित अन्य लोगों ने सम्बोधित किया। सम्मेलन में देश व प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग शामिल हुए।

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