प्रयागराज। कोरोना काल के समापन के बाद मुख्यमंत्री का जनता दरबार फिर लगना शुरू हो गया। प्रदेश के कोने—कोने से लोग अपनी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंच रहे है। इसी क्रम में एक नन्ही बच्ची काजल प्रयागराज से राजधानी तक पैदल चलकर मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत करने के लिए निकल पड़ी है। काजल यह सफर तीन दिन में पूरा करके मुख्यमंत्री के दरबार में अपनी शिकायत दर्ज कराएगी। दरअलस नन्हीं धाविका की शिकायत है कि उसे मेहनत के बाद भी उचित सम्ममान नहीं मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले साल प्रयागराज में 42 किमी की मैराथन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, इसमें काजल ने भाग लिया था, लेकिन उसे मंच पर उचित सम्मान नहीं मिला, इसलिए वह इसकी शिकायत करने मुख्यमंत्री से मिलने प्रयागराज से लिए दौड़ते हुए लखनऊ रवाना हो गई।
चार घंटे 22 मिनट में पूरी की थी 42 किमी की दौड़
काजल ने बताया कि वह रात में ठहराव लेते हुए तीन दिन बाद लखनऊ पहुंचेगी और मुख्यमंत्री से प्रशासन व क्रीड़ा अधिकारी की शिकायत करेगी। नन्हीं धाविका काजल ने अपनी इस यात्रा को प्रयागराज टू लखनऊ अल्ट्रा मैराथन का नाम दिया है। काजल का आरोप है कि उसने इंदिरा मैराथन में बड़े बड़े धावकों के बीच दौड़ लगाई थी और चार घंटे बाइस मिनट में 42 किलोमीटर की दौड़ पूरी की थी, जबकि कई बड़े धावक अपनी दौड़ तक पूरी नहीं कर पाए थे।उसकी इस उपलब्धि की बड़ी तारीफ हुई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से उसे कोई सम्मान या प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई थी। मांडा की रहने वाली काजल इससे पहले भी प्रयागराज के सुभाष चौराहे से दिल्ली के इंडिया गेट तक का सफर दौड़ते हुए 16 दिनों में पूरा करके सुर्खियां बटोर चुकी है।
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