योगी कैबिनेट: विभाग बंटवारे में दिखा केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने का असर, मिला कम वजनदार मंत्रालय

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UP Deputy CM Keshav said – one day only Gandhi family will remain in Congress
मौर्या ने कहा कि एक दिन कांग्रेस में केवल गांधी परिवार ही रह जाएगा, धीरे- धीरे सब छोड़कर चले जाएंगे।

प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार शाम को अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा करते हुए उन्हें उनकी जिम्मेदारी तय करते हुए उनके मंत्रालय की कमान सौंप दी है। जैसा कि विदित है कि इस बार पुराने और नए चेहरों को बराबरी का मौका देने के लिए विभागों के वजन को ध्यान में रखकर जिम्मेदारी दी गई है। इसी क्रम में कुछ पुराने चेहरों को उनके पुराने मंत्रालय मिले तो कुछ को कम वजनदार मंत्रालय सौंपकर सामंजस्य बनाने की कोशिश की गई है।

योगी सरकार पार्ट वन में जितने दमदार विभाग केशव को मिले थे उसकी तुलना में पार्ट टू में मिले मंत्रालय पहले की अपेक्षा कम महत्व वाले माने जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि सिराथू से विधानसभा चुनाव हारने का खामियाजा केशव को भुगतना पड़ा है। विभाग के बंटवारे में उनकी नहीं चली।

दूसरों को जिताने के फेर में खुद हार गए

मालूम हो कि केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से करीब सात हजार मतों से चुनाव हारे है। सपा की पल्लवी पटेल ने उन्हें कड़े मुकाबले में शिकस्त दी। यह केशव प्रसाद मौर्य के लिए किसी जोरदार झटके से कम नहीं था। चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा सैनी, शाक्य, कुशवाहा बिरादरी के नेताओं के भाजपा में छोड़कर जाने के चलते केशव प्रसाद की अहमियत पार्टी में बढ़ गई और उन्हें पूरी मेहनत के साथ चुनाव प्रचार किया और भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया।

चुनाव हारने के बाद भी केशव को उप मुख्यमंत्री पद देकर उनका कद तो बरकरार रखा गया लेकिन विभागों के बंटवारे में उनके पंख कतर दिए गए ऐसा भाजपा के नेता दबी जुबान बोल रहे हैं। पिछले कार्यकाल में उनके पास पीडब्लूडी जैसा अहम मंत्रालय था। जिसके चलते उन्होंने प्रयागराज, कौशांबी सहित पूरे प्रदेश में सड़क, पुल और ओवरब्रिज का निर्माण कराया।कई जगहां गंगा पर पुल को भी स्वीकृति प्रदान की। अब यह मंत्रालय छिन जाने के कारण प्रस्तावित योजनाओं की गति या तो धीमी हो सकती है और ठंडे बस्ते में भी जा सकती हैं। प्रयागराज शहर में ही कई योजनाएं अभी लंबित हैं।
मंत्रिमंडल बंटवारे के बाद केशव और नंदी ने साधी चुप्पी

नंदी का भी घटा कद

इसी तरह कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी खुद को मिले विभाग को लेकर खामोश है। प्रदेश के इन दो बड़े नेताओं की सोशल मीडिया में खामोशी के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। हालांकि इन दोनों ही वरिष्ठ नेताओं के समर्थकों ने अपने नेताओं को विभाग मिलने की बधाई सोशल मीडिया के माध्यम से जरूर दे दी।

दरअसल सोमवार की शाम ही योगी सरकार 2.0 में शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को उनके विभाग बांट दिए गए। डिप्टी सीएम को ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर एवं सार्वजनिक उद्यम तथा राष्ट्रीय एकीकरण विभाग मिला है, जबकि नंदी के खाते में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन विभाग आया है।

कई योजनाएं चल रही हैं लंबित

डिप्टी सीएम को लेकर कहा जा रहा है कि प्रयागराज और आसपास के जिलों को उनके विभाग की योजना का लाभ मिलेगा। हालांकि पूर्व में उनके द्वारा पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए जो बड़े प्रोजेक्ट लाए गए थे, उसमें अब बाधा आ सकती है। प्रयागराज जिले में कई पुल और सड़कों का निर्माण होना है। सलोरी, चौफटका में बनने वाले आरओबी पर सेना का अड़ंगा है। इसके अलावा कई अन्य प्रोजेक्ट भी लंबित हैं।

केशव के पास अगर लोक निर्माण रहता तो निश्चित ही अगले पांच वर्ष में यहां पुलों और सड़कों का जाल बिछने के साथ कई नए प्रोजेक्ट भी संगम नगरी को मिल जाते। उधर नंदी को औद्योगिक विभाग मिलने से अब नैनी इंडस्ट्रीयल एरिया केे बंद उद्योग खुलने की संभावना बढ़ गई है। खासतौर से बीपीसीएल, हिंदुस्तान केबिल्स, टीएसएल, कॉटन मिल आदि कंपनियों को बूस्टर डोज मिलने की आस बढ़ी है। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित ही इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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