मुजफ्फरपुर। जनविरोधी विद्युत संशोधन बिल 2021 के खिलाफ ‘अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस’ के तहत बिहार राज्य विद्युत उपभोक्ता फोरम के बैनर तले विद्युत अधीक्षण अभियंता, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, मुजफ्फरपुर (रामदयालु नगर ) के समक्ष प्रदर्शन कर माननीय ऊर्जा मंत्री भारत सरकार के नाम से स्मार पत्र सौंपा गया। प्रदर्शन से पूर्व ओरियंट क्लब, आमगोला से जुलूस निकाला गया।
जुलूस में जनविरोधी बिजली बिल 2021 वापस लो, बिजली का निजीकरण बंद करो,क्रॉस सब्सिडी के नाम पर उपभोक्ता को लूटना बंद करो, कृषि क्षेत्र को मुफ्त बिजली देना होगा, बिजली को व्यापार की वस्तु बनाना बंद करो, गैर पारंपरिक बिजली उत्पादन और उपयोग पर रोक लगाना बंद करो, आदि नारे लगा रहे थे। जुलूस बिजली कार्यालय पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज के आधुनिक युग में बिजली के वगैर मानव समाज की कल्पना करना असंभव है।
कनेक्शन के प्रकृति के विवाद
आज बिजली प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है। भारत सरकार एक तरफ देश में कोयला आपूर्ति का कृत्रिम संकट का प्रचार करके ऑस्ट्रेलिया से अदानी कंपनी से कोयला खरीदने का माहौल बना रही है। तो दूसरी ओर कंपनी के लिए महंगी दर पर बिजली बेचने का रास्ता तैयार कर रही है। बिजली को निजी कंपनियों को हाथ सौंपने और उनकी मनमानी लूट को कानूनी वैधता देने के लिए बिजली एक्ट 2003 और संशोधन बिल 2021 को पारित करने की दिशा में बढ़ रही है। इस कानून के पारित होते ही टैरिफ बढ़ने से बिजली महंगी हो जाएगी। कनेक्शन के प्रकृति के विवाद पर कंपनी जनता को लूटेगी। प्रीपेड मीटर के नाम पर जनता का दोहन किया जाएगा।
क्रॉस बॉर्डर ट्रेड एक्ट
क्रॉस सब्सिडी के नाम पर जनता की लूट होगी। क्रॉस बॉर्डर ट्रेड एक्ट के तहत देश की जनता को बिजली से वंचित करके विदेश भेज कर मुनाफा कमाया जायेगा । इस तरह जनता का दोहन करने और पूंजीपतियों को लूटने की खुली छूट देने वाला बिजली संशोधन बिल 2021 के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने की जनता से अपील की ताकि तानाशाही सरकार को इस कानून को वापस लेने के लिए बाध्य किया जाए। सभा को नरेश राम, काली कांत झा, अरविंद कुमार, अविनाश कुमार साईं,मोहम्मद इदरीश, डॉक्टर बी के प्रलयंकर, काशीनाथ सहनी, अर्जुन कुमार, बैद्यनाथ पंडित आदि ने संबोधित किया। 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने विद्युत अधीक्षण अभियंता से मिलकर माननीय ऊर्जा मंत्री भारत सरकार को स्मार पत्र सौंपा।
इसे भी पढ़ें..