अवनीश पाण्डेय, लखनऊ: सपा के साथ गठबंधन कर पूर्वांचल में भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में जुटे ओमप्रकाश राजभर के पार्टी में भी सेंधमारी शुरू हो गई है यूपी विधानसभा चुनाव के महज 3 महीने बचे हैं ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेता का पार्टी छोड़ना राजभर के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। सुभासपा (SBSP ) के प्रदेश उपाध्यक्ष पुनीत पाठक ने कांग्रेस (Congress) का दामन थाम लिया है। पुनीत पाठक के दादा बच्चा पाठक कांग्रेस के नेता थे। वह 7 बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
कुछ मुद्दों को लेकर खिन्न थे पुनीत
पुनीत पाठक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को छोड़ने से पहले फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था। जिसमें पुनीत पाठक ने कहा कि ‘सुभासपा के सभी पदों से तत्काल रूप से त्यागपत्र दे रहा हूं। पिछले सालों में पार्टी कार्यकर्ताओं और शीर्ष नेतृत्व ओमप्रकाश राजभर और अरुण राजभर द्वारा दिए गए सम्मान और प्रेम का आभारी रहूंगा। उनसे बहुत सीखने को मिला पर कुछ मुद्दों पर असहमति को देखते हुए अब आगे बढ़ने का समय आ गया है’।
पुनीत ने कांग्रेस के लिए कहीं ये बात
पुनीत पाठक कांग्रेस का दामन थामने के लिखा- लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्य पर्वेक्षक भुपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं के गर्मजोशी से लगाए नारो ने समा बांध दिया जब लखनऊ की फिज़ा बागी बलिया की हुंकार से गूंज उठी।
यूपी के राजनीति में चर्चा का विषय
पीली टोपी और पीली गमछा वाले खेमे को छोड़ने वाले पुनीत पाठक ने चर्चा यूपी में खूब हो रही है यूपी विधानसभा चुनाव में चंद महीने ही बाकी है ऐसे में राजनीतिक जानकर इसे राजभर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनाव के परिणाम पर इसका क्या कुछ असर पड़ेगा यह तो बाद की बात है लेकिन चुनाव के दौरान इससे पार्टी के छवि पर जो सवाल खड़े होंगे उससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।