जौनपुर। जौनपुर के बदलापुर तहसील के अहरौली गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक साथ तीनों सगी बहनों के शव पीएम के बाद घर पहुंचें। आंखों से अंधी मां भले ही अपनी बेटियों को देख नहीं पा रही थी, लेकिन बेटियों की मौत ने उसे अंदर तक झकझोर कर रख दिया था, मां के हृदय से निकल रही चीख सुनकर हर किसी की आंखों से आंसू बह पड़ा। परिवार का पास इतने भी पैसे नहीं थे, कि तीनों बहनों की अलग—अलग चिता सजाए, इसलिए मजबूरी में तीनों को एक ही चिपता पर लेटाकर अंतिम संस्कार किया। भाई गणेश ने मुखाग्नि दी तो मौजूद रिश्तेदारों की आंखें नम हो गईं।श
ट्रेन से कटकर हुई थी मौत
आपकों बता दें कि महराजगंज थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव निवासी निवासी प्रिती (16), आरती (14) और काजल (11) ने बदलापुर थाना क्षेत्र के फत्तूपुर रेलवे क्रासिंग पर गुरुवार रात ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। शुक्रवार को तीनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया। गरीबी का आलम यह रहा कि परिजनों के पास शवों के घर ले जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। किसी तरह रिश्तेदारों की मदद से 600 रुपये में एक एंबुलेस तय किया गया। शनिवार को शवों को रामघाट ले जाया गया। जहां रिश्तेदारों ने लकड़ी की व्यवस्था की और एक ही चिता पर तीनों सगी बहनों का अंतिम संस्कार किया गया।
नहीं पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि
एक साथ तीन बहनों की मौत और रोटी को मोहताज परिवार को संबल देने कोई भी जनप्रतिनिधि उनके घर पहीं पहुंचा। परिवार को आार्थिक सहायता देना तो दूर बात कोई उनके आंसू भी पोछने आगे नहीं आ रहा है। तीन बेटियों की मौत के बाद उनकी मां और बहन रात दिन तड़प रहीं है। नेत्रहीन मां आशा देवी बहन रेनू और ज्योति का रो-रोकर बुरा हाल है।
घर में दाना-पानी और एक फूटी कौड़ी नहीं
मृतक किशोरियों की बहन रेनू ने बताया कि एक दिन पहले प्रीती ने मुझे फोन किया था। बता रही थी कि घर में दाना-पानी और एक फूटी कौड़ी नहीं है। कैसे पांच परिवार की व्यवस्था की जाए। वह यह बताते हुए रो रही थी। कह रही थी कि मां अंधी है, किसके घर मजदूरी कंरू। वहीं दूसरी बहन ज्योति ने कहा कि हमसे बात ही नहीं होती थी। कभी-कभी हालचाल चचेरे भाई महेंद्र द्वारा मिल जाती थी।
पीड़ित परिवार को दिया अनाज
पीड़ित परिवार के घर संवेदना जताने पहुंचे महराजगंज के खंड विकास अधिकारी शशिकेश सिंह ने एक बोरी अनाज, कंबल व नकद सहायता दी। उन्होंने ग्राम प्रधान राकेश वर्मा व ग्राम पंचायत अधिकारी को मृत किशोरियों की मां आशा देवी को स्वीकृत आवास का छत शीघ्र बनवाने का निर्देश दिया। कार्यवाहक एडीओ (पंचायत) विजयभान यादव ने बताया कि आशा देवी के परिवार को लाल कार्ड देने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत की बैठक में पारित कर भेजा जा चुका है।
मृत किशोरियों की मां आशा देवी का कृषि योग्य भूमि का पट्टा दिया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर से कवायद भी शुरू हो गई है। शनिवार को एसडीएम लाल बहादुर अहिरौली के दलित बस्ती में पहुंचे। आशा देवी की दयनीय हालत देखकर कुछ आर्थिक सहयोग किया। साथ कृषि योग्य भूमि देने का भी आश्वासन दिया।
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