लखीमपुर खीरी। मिशन 2022 में जुटी कांग्रेस ने सपा को शनिवार को तगड़ा झटका दिया। कांग्रेस ने सपा नेता को कांग्रेस में शामिल कराने में सफल रही जो चुनाव में उसके लिए टर्निंग प्वाइंट रहेगी। हम बात कर रहे है। पसगवां कांड में ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान बदसलूकी का शिकार हुई सपा नेता रितु सिंह की।रितु ने शनिवार को लखनऊ में प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। आपकों बता दे कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव की दौरान रितु सिंह के साथ हुई बदतमीजी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई थी।
इस विषय में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल ने बताया कि रितु सिंह एक हफ्ता पहले से उनके संपर्क में थीं। रिंतु सिंह के ससुर ने उनसे पार्टी में शामिल कराने के लिए संपर्क किया था, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस जिला प्रभारी अभिषेक पटेल के माध्यम से कांग्रेस के आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाई, जिसके बाद रितु सिंह को शनिवार को प्रियंका गांधी ने कांग्रेस में शामिल कराया।
यह हुआ था पूरा मामला
आपकों बता दें कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान लखीमपुर खीरी के पसगवां ब्लॉक परिसर में आठ जुलाई को ब्लॉक प्रमुख नामांकन के दौरान सपा समर्थित महिला प्रत्याशी रितु सिंह और उनकी प्रस्तावक से पुलिस के सामने बदसलूकी की गई थी। रितु ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरओ के कक्ष में नामांकन पत्र फाड़ने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि भाजपा की सांसद रेखा वर्मा और पुलिस की मौजूदगी में उन दोनों के कपड़े तक फाड़ दिए गए।
पसगवां ब्लॉक में तीन प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे थे, जिनमें भाजपा सांसद रेखा वर्मा की करीबी व पार्टी की प्रत्याशी कु. शिखा सिंह और सांसद रेखा वर्मा की मां व निवर्तमान प्रमुख उर्मिला ने पर्चा दाखिल किया था। जब सपा समर्थित प्रत्याशी रितु सिंह नामांकन कराने पहुंचीं तो गेट के बाहर ही खड़े लोगों ने रितु सिंह की प्रस्तावक अनीता यादव का हाथ पकड़कर उनसे बदसलूकी करते हुए उन्हें रोक लिया था। इस बीच रितु सिंह के साथ में मौजूद सपा नेता क्रांति सिंह को कुछ लोग पकड़कर बाहर खींच ले गए थे, जबकि तमाम अन्य लोग ब्लॉक परिसर में मौजूद थे।
सपा समर्थित प्रत्याशी रितु सिंह को नामांकन कक्ष में जाने से रोकने के लिए उनसे मारपीट और छीना झपटी की गई थी। इसके बाद पूरे प्रदेश में रितु के पक्ष में माहौल बना था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी स्पेशल रूप से रितु सिंह मिलने लखीमपुर खीरी गई थी। इसके बाद से ही उनके कांग्रेस में जाने अटकले लगाई जा रही थी। हालांकि यह सपा के लिए किसी सदमें से कम नहीं है।क्योंकि सपा रितु सिंह को आगे करके भाजपा शासन के खिलाफ खराब कानून का प्रचार-प्रसार कर सकती थी।