तालिबान लड़ाकों ने पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के भाई की बेरहमी से दी मौत

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Taliban government is destroying its heritage by attacking artists and musicians

काबुल। तालिबानी लड़ाके सरकार गठन के साथ ही अफगान सरकार में हिस्सेदार रहे लोगों को खोज—खोजकर मार रहे है। जान से मारने से पहले उनके साथ बर्बरता की जा रही है। इस क्रम में शुक्रवार को तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई रोहुल्लाह सालेह की हत्या कर दी है। तालिबान सूत्रों ने दावा किया कि रोहुल्लाह सालेह को पंजशीर घाटी में ही मौत के घाट उतार दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोहुल्लाह को तालिबानियों ने यातनाएं देने के बाद हत्या कर दी। उन्हें पहले कोड़ों और बिजली के तार से पीटा गया उसके बाद गला काट दिया गया। बाद में तड़पते सालेह पर दनादन गोलियां बरसा दी गईं।

आपकों बता दें कि 15 अगस्त को काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए। इसके बाद उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने पंजशीर के लड़ाकों के साथ मिलकर नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स के बैनर तले तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया। तालिबान ने कुछ दिनों पहले पंजशीर पर जीत का दावा किया था। उन्होंने पाकिस्तानी वायुसेना के समर्थन से पंजशीर के दो बड़े नेताओं को मार दिया था। तालिबान ने नॉर्दर्न अलायंस के कमांडरों और विद्रोहियों के प्रवक्‍ता फहीम दश्‍ती और पंजशीर के शेर कहे जाने वाले जनरल अहमद शाह मसूद के भतीजे जनरल वदूद की हत्या कर दी थी।

आपकों बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को लोग स्वीकार नहीं कर रहे है। तालिबान शासन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में विरोध को दबाने के लिए तालिबान दरिंदगी दिखा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान हिंसक तरीके अपना रहा है, उन्हें हथियारों और कोड़ों से पीटा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक तालिबानी क्रूरता के शिकार 4 लोग अब तक दम तोड़ चुके हैं।

पूर्व उप-राष्ट्रपति के घर में रह रहे 150 तालिबानी

अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम के काबुल स्थित महल पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। यहां 150 तालिबानी तमाम सुख-सुविधाओं के साथ रह रहे हैं। उनका कहना है कि दोस्तम पिशाच थे, जिन्होंने अफगानी जनता के खून से यह घर बनाया था। अफगानिस्तान की जनता के पास खाने को कुछ नहीं था और दोस्तम ने महल बना लिया।

काबुल एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू

काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी सैनिकों के हटने और तालिबान के कब्जे के बाद पहली इंटरनेशनल फ्लाइट ने गुरुवार को उड़ान भरी। कतर एयरवेज की इस फ्लाइट से 200 लोगों को कतर की राजधानी दोहा पहुंचाया गया। इन लोगों में अमेरिकी भी शामिल थे। बता दें 31 अगस्त को अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट तालिबान के हवाले कर दिया था। इसके बाद काबुल एयरपोर्ट से उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब फिर से शुरू कर दी गई हैं।

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