काबुल। तालिबानी लड़ाकों ने भले ही अफगान सरकार को घुटने पर लाकर देश में कब्जा कर लिया हो, लेकिन अभी तक वह पंजशीर में जंग लड़ रहा है। इसके अलावा अभी तक उसने सरकार बनाने को लेकर कोई एजेंडा पेश नहीं कर सका। इस बीच वहां की महिलाएं तालिबान के विरोध में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। अफगानिस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि महिलाएं तालिबान के विरोध में रात में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रही हो। इस बीच काबुल से खबर आ रही है। तालिबान ने काबुल में फायरिंग की है।
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली निकाल रहे लोगों पर तालिबान ने गोलियां चलाई हैं, इसमें कई महिलाओं और बच्चों के घायल होने की सूचना है। पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन का सबसे मुख्य कारण पंजशीर की जंग में पाकिस्तान के दखल और तालिबान का साथ देना। जिसे अफगानी गलत मान रहे है। इसके विरोध में लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं।मंगलवार को ऐसा ही एक प्रदर्शन काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर चल रहा था, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। यहां लोगों को डराने के लिए तालिबान ने हवाई फायरिंग कर दी। इससे मची भगदड़ में कई लोग घायल हुए हैं।
मालूम हो कि काबुल में बीती रात भी महिलाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसे तालिबान के जुल्मों और पाकिस्तान की घुसपैठ के खिलाफ प्रदर्शन बताया जा रहा है। वैसे तो अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में महिलाएं पिछले कई दिनों से अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन काबुल में पहली बार रात में प्रदर्शन हुए हैं।मालूम हो कि तालिबान ने पाकिस्तान की मदद से ये लड़ाई जीती है। रेजिस्टेंस फोर्स की अगुवाई कर रहे अहमद मसूद ने भी कहा है कि पाकिस्तान की वायुसेना लगातार हमले कर रही है, ताकि तालिबानी आगे बढ़ सके। अब हमारी असली लड़ाई पाकिस्तान से है, क्योंकि पाक सेना और आईएसआई तालिबानियों का जंग में नेतृत्व कर रही है।
इधर अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तालिबान 11 सितंबर यानी 9/11 के आतंकी हमले की बरसी के दिन नई सरकार बनाने का ऐलान कर सकता है। इस बीच अमेरिका ने तालिबानी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि तालिबान को मान्यता देना दूर की कौड़ी है।
हसन अखुंद बन सकता है प्रधानमंत्री
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को तालिबानी सरकार का प्रमुख बनाया जा सकता है। बता दें अखुंद संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार में मंत्री भी रह चुका है। वह तालिबान के बड़े फैसले लेने वाली रहबरी शूरा का प्रमुख है और तालिबान के गढ़ कंधार से ताल्लुक रखता है।
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