फिरोजाबाद। कोरोना वायरस ने जिस तरह से दूसरी लहर में तबाही मचाई थी, उसे कोई भूला नहीं सकता। इधर एक सप्ताह से पश्चिमी यूपी के जिलों में डेंगू बुखार से तेजी से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। सबसे ज्यादा आगरा मंडल के फिरोजाबाद में लोगों की मौत हो रही है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे है। मंगलवार को सात बच्चों समेत आठ और लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 52 हो गई।
हालात को काबू में करने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर एपिडेमिक इंटेलीजेंस आफिसर्स की दो टीमों ने फिरोजाबाद में डेरा डाल दिया है। 25 बच्चों के ब्लड सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे गए। बीमारी की वजह से आठवीं तक के स्कूल बंद रहे, जबकि एक सितंबर से खुलने वाले पांचवीं तक के स्कूलों को अब छह सितंबर के लिए आगे बढ़ा दिए गए है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि फिरोजाबद में बच्चों के साथ-साथ बड़े लोग भी बीमार हुए हैं। सभी के बेहतर ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जा रही है। सभी मरीजों को मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाना उचित होगा। जरूरत पड़ने पर मेडिकल कॉलेज में बेड की संख्या बढ़ाई जाए। हमें सर्विलांस को और बेहतर करना होगा। विशेषज्ञों की टीम फिरोजाबाद में कैंप करे। जरूरत के अनुसार रेजिडेंट डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की तुरंत तैनाती की जाए। दवाओं और अन्य जरूरतों की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। आगरा और फिरोजाबाद की स्थिति पर शासन स्तर से कड़ी नजर रखी जाए।
सीएम योगी आदित्यनाथ के सोमवार को दौरे के बाद आगरा से तीन सीनियर और छह जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर मेडिकल कॉलेज आ गए हैं। एपिडेमिक इंटेलीजेंस आफिसर डॉ. अशोक तिलियानी (मेरठ), डॉ. अखिलेश्वर सह (बरेली), वेक्टर बोर्न डिजीज आफिस लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. अवधेश यादव, डॉ. स्वदेश (कीट विज्ञानी) ने सीएमओ कार्यालय और कोटला सीएचसी में बैठकें कर हालात की जानकारी ली।
46 और बच्चों में डेंगू की पुष्टि
फिरोजाबाद के डीएम चंद्र विजय सिंह ने 46 बच्चों में मंगलवार को डेंगू की पुष्टि हुई है। फिरोजाबाद के अन्य क्षेत्रों में मौतों का आंकड़ा पुष्ट किया जा रहा है। आगरा और इटावा से डॉक्टर मिले हैं। बुधवार तक कानपुर से भी डॉक्टर आ जाएंगे। हालात काबू में करने के प्रयास जारी हैं।