अयोध्या-बीकापुर। अपनी कार्यशैली के कारण हमेशा विवादों में रहने वाले खंड शिक्षा अधिकारी अमानीगंज संजय गुप्त का इन दिनों नया कारनामा सामने आया है। जिन्होंने हाल में ही आधारशिला व आंगनबाड़ी व अन्य प्रशिक्षणों में डीकेटेंट कंपनी बीकापुर से जनरेटर डीजल और लेबर के साथ मंगाया, परन्तु भुगतान सम्बन्धित को न देकर स्वयं निकाल लिया।
इसकी शिकायत फर्म मालिक अमर नाथ यादव ने कई बार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व वर्तमान खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र दिया पर कोई सकारात्मक परिणाम न मिलने पर पत्र के माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी संजय गुप्त पर गंभीर आरोप लगाए हैं ज्ञातव्य हो कि संजय गुप्त वर्तमान में अमानीगंज विकासखंड में हैं, माह मार्च में वह बीकापुर व हैरिंग्टनगंज विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर रहते हुए शिकायत व अनियमितताओं के चलते स्थानान्तरित किए गए परन्तु वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के पीछा नही छूट रहा है।

शिकायतकर्ता अमरनाथ यादव ने बताया कि वह माह फरवरी मार्च से बीकापुर व हैरिंग्टनगंज विकासखंड की समस्त प्रशिक्षणों में जनरेटर की व्यवस्था कराता रहा परन्तु भुगतान के हमेशा कार्यालय का चक्कर लगाता रहा इस दौरान अपनी अनियमितताओं की चर्चा स्वयं खंड शिक्षा अधिकारी करते रहते थे कि मैंने हमेशा पैसा काम कराने के बाद नही दिया हैरिंग्टनगंज में आनलाइन प्रशिक्षणों की धनराशि में एआरपी संदर्भदाताओं का पैसा खा गया और बीकापुर व हैरिंग्टनगंज में अवस्थापना मद में दो लाख प्रति विकासखंड कागज पर खर्च कर दिया। इतना ही नही पूर्व खंड शिक्षा अधिकारियों ने निष्ठा प्रशिक्षण कराया रुपये 518079 डायट को वापस करना था।
आरोप है कि एक लाख तीन हजार गबन कर केवल 414532 रुपये ही जमा किया था। आदेश पैसा वापसी का था मैंने निकाल लिया । कोई रिकार्ड ही नहीं दिया है आफिस से समस्त पत्रावली घर पर उठा लाया हूं। इस बाबत मेरे द्वारा बीएसए कार्यालय व,बैंक,डायट सब जगह चक्कर लगाये और पूर्व खंड शिक्षा अधिकारियों से मुलाकात की तब अनियमितताओं की पुष्टि हुई और मैंने साक्ष्य के साथ जिलाधिकारी महोदय के साथ समस्त उच्चाधिकारियों, को लिखित शिकायत दी है और भुगतान की मांग की है। गौरतलब हो कि संजय गुप्त का कार्यकाल नगर शिक्षा अधिकारी पद पर भी रहते हुएहमेशा विवादों में रहा है।
नगर क्षेत्र में वसूली व महिला शिक्षा मित्र का शोषण करने के कारण सुर्खियों में रहे। वर्तमान में,अमानीगंज विकासखंड में भी आरोप लग रहे हैं शिक्षकों को विद्यालय चेक करने के नाम पर हमेशा घर पर मिलने को कहते है। पत्रावलियां,भी घर पर रखते और,बनाते हैं,ताकि शोषण किया जा सके। शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से पत्रावलियों के कार्यालय से गायब होने की भी शिकायत की है जब पत्रावलियां मिलेगी तभी भुगतान भी संभव है। इस विषय में खंड शिक्षा अधिकारी से चर्चा करनी चाहिए, लेकिन उनका नंबर नाट रिचबल जा रहा था।
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