- जयंती के अवसर पर बच्चो ने प्रेमचंद की कहानी रामलीला और परीक्षा का किया पाठ
लखनऊ। मदर सेवा संस्थान चबूतरा थियेटर पाठशाला, रविदास पार्क डालीगंज द्वारा प्रेमचंद की 142वीं जयंती मनायी गई। संस्थान के सचिव महेश चंद्र देवा ने बताया कि उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से चार मील दूर लमही ग्राम में हुआ था। महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद का साहित्य काल समाज की जटिलताओं को जिस प्रकार से प्रस्तुत किया है। वास्तव में साहित्य वही है।
प्रेमचंद ने समाज आधारित साहित्य रचना की है जो आज भी नवोदय साहित्यकारों के लिए एक सार्थक दिशा का बोध कराता है वास्तव में प्रेमचंद की रचनाएं समाज का दर्पण है। प्रेमचंद लिखते हैं कि साहित्यकार का काम केवल पाठकों का मन बहलाना नहीं है। वह हमारा पथ प्रदर्शक होता है वह हमारे मनुष्यता को जगाता है, हमारे सदभाव का संचार करता है।
प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के द्वारा समाज को नई रूपरेखा में ढालने का प्रयास किया। उनका साहित्य समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश देने और एक ऐसे समाज की रचना करना था जिसका आधार स्वतंत्र हो। संस्थान द्वारा इस अवसर पर कहानी पाठ और परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमे कई स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया और मुंशी प्रेमचन्द्र की रामलीला और परीक्षा कहानी का पाठ किया। जिसे वहाँ पर उपस्थित लोगों ने सराहा।
कार्यक्रम में विजय लक्ष्मी गुप्ता, सोनाली, शिखा बाल्मीकि स्नेहा बाल्मिकी नीलिमा चौधरी, आर्यन चौधरी श्लोक बाल्मीकि मोहम्मद अमन, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद आरिफ,काजल गौतम, लकी गौतम, और खुशी गौतम आदि लोग उपस्थित रहे।