काबुल। गृहसंघर्ष से जूझ रहे अफगानिस्तान की स्थिति दिन- प्रतिदिन खराब होती जा रही है। एक तरफ वहां की सेना और सरकार आतंकियों के आगे कमजोर पड़ती नजर आ रही है। दूसरी तरफ तालिबान एक-एक करके सरकारी सेवाओं पर कब्जा जमाते जा रहे है। देश में अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए तालिबानी लड़ाके जमकर खून खराबा कर रहे है। इस भीषण युद्ध को रोकने के लिए 15 देशों के नाटो प्रतिनिधियों ने तालिबान से जंग को रोकने का अपील की है।
द खामा प्रेस ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कोरिया, नीदरलैंड, नाटो के कार्यालय और वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधि, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका द्वारा यह संयुक्त बयान जारी किया गया है।
अफगान सरकार और तालिबान के बीच दोहा शांति वार्ता में सीजफायर पर सहमति न बनने के बाद यह अपील की गई है। बता दें कि हाल के दिनों में अफगान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल कतर की राजधानी दोहा में तालिबान से मिला था। लेकिन तालिबान की तरफ से जारी बयान में सीजफायर का कोई जिक्र नहीं किया गया था, जिसके बाद विदेशी मिशनों ने इस पर चिंता जाहिर की है और तालिबान से शांति बनाए रखने की अपील की है। इससे पहले अमेरिका ने दोहा में अफगान सरकार और तालिबान की बैठक को एक सकारात्मक कदम करार दिया था। इससे पहले तालिबान लड़ाकों ने भारतीय फोटोग्राफर की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसकी संर्पूण विश्व में निंदा हुई थी।
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