लखनऊ। चारों ओर से पड़ती महंगाई की मार से आम आदमी कराह रहा है, बावजूद इसके इसको लेकर सियासत चुनावी जीत के गुणा—गणित में व्यस्त है। इसको लेकर न सड़कों पर शोर है और न ही सियासी चिन्ता। इधर लगातार बढ़ती महंगाई की मार से कराहते आम आदमी का पारा दिनोंदिन इस सियासी बेफ्रिकी से बढ़ता जा रहा है।ऐसा माना जा रहा है कि समय आने पर वह अपना आक्रोश भी प्रकट करेगा। बहरहाल दीवाली का मौका है। इसको लेकर बाजार सज चुके हैं। देखने में आ रहा है कि महंगाई की मार इस त्योहार को भी फीका कर रही है।
आम आदमी व कारोबारी दोनों परेशान
बताया जा रहा है कि महंगाई से आम आदमी और कारोबारी दोनों परेशान हैं। इस दीपावली घरों को सजाना भी महंगा पड़ने वाला है। दरअसल चाइनीज से लेकर इंडियन झालर तक महंगी हो गई है। हालात यह है कि 15 दिन के भीतर 20 से 30 फीसदी तक रेट बढ़ गए हैं। कारोबारियों के मुताबिक कच्चा माल और लागत बढ़ने की वजह से यह स्थिति आई है। यूपी की राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां से आस-पास के 10 जिलों को माल सप्लाई होता है। हर साल 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार है, मगर इस बार यह आंकड़ा पहुंचना मुश्किल लग रहा है।
अशियाना में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का कारोबार करने वाले विजय शुक्ला बताते हैं कि दामों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका असर कारोबार पर भी दिख रहा है। उनके मुताबिक बीते बरस की तुलना में इस बार बाजार काफी खस्ताहाल में है। झालर में जो लाइट होती है, वह चाइना की होती है। उसके निर्यात में दिक्कत आई है, इसकी वजह से यह परेशानी उठानी पड़ी है। उनके मुताबिक बढ़ती महंगाई की मार से धंधा चौपट हो रहा है। वहीं नाका में झालर कारोबारी नरेंद्र के मुताबिक रेट लगातार बढ़ रहा है। इसका असर कारोबार पर भी पड़ेगा।
बताया गया कि पिछले साल की तुलना में मार्केट काफी डाउन है। झालर में लगने वाली लाइट चाइना की होती है। उसके निर्यात में दिक्कत आई है, इसकी वजह से यह परेशानी उठानी पड़ी है। कारोबारी नरेंद्र और गुरुमीत सिंह राजू के मुताबिक अभी कुछ माह पहले तक उन लोगों ने जिस रेट पर माल बेचा है। उस पर खरीद नहीं पा रहे है। इसका मतलब साफ है कि पिछले मुनाफे वाली कीमत पर मौजूदा खरीद पहुंच चुकी है। हालात यह है कि 15 दिन के भीतर 20 से 30 फीसदी तक रेट बढ़ गए हैं।
स्थिति यह है कि सबसे कम कीमत वाला झालर जो कभी 28 रुपए में आता था उसमें करीब 25 फीसदी तक रेट बढ़ गए हैं। इस बार उसको 38 रुपए में बेचा जा रहा है। हालांकि इस बार लखनऊ की महिलाओं द्वारा बनाया गया झालर आकर्षण का मुख्य केंद्र है। गुरुमीत बताते हैं कि इसकी कीमत करीब 400 से 500 रुपए तक है। इसको महिलाओं ने अपनी हाथ से बनाया है।
इसमें लगने वाले लाइट को छोड़ दिया जाए तो 90 फीसदी आइटम भी स्वदेशी है। ऐसे में इसकी डिमांड भी इस बार खूब है।इधर बाजार में वैसे तो अधिकतर पुराने आइटम दिख रहे हैं, मगर डोर कैंडल इस बार नया आइटम है। इसकी कीमत करीब 500 रुपए है। न्योन पांच बल्ब झूमर भी नया है। कारोबारियों के मुताबिक एक झूमर 500 से 550 रुपए के बीच बिक रहा है।
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