कानपुर। कोविड काल के दौरान स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के लिए प्रेरित किया गया, ताकि बच्चों का विकास नहीं रूकने पाएं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए परिजनों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए मोबाइल की व्यवस्था की। कुछ बच्चों ने मोबाइल का प्रयोग पढ़ाई में किया तो कुछ ने मोबाइल को मनोरंजन का साधन बना लिया। ऐसे में कुछ बच्चों को मोबाइल गेम की बुरी लत गई।
अब इन बच्चों के लिए मोबाइल गेम खेलना छोड़ना आसान नहीं रहा है। ऐसे में जब परिजन उन्हें डांटते हैं तो उन्हें बुरा लग रहा है। ऐसी ही एक बारह वर्षीय छात्रा को जब उसकी मां ने डांटा तो उसने गुस्सा होकर फांसी लगाकर जान दे दी।छात्रा की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है।गेम के लिए जान देने का मामला कानपुर जिले के शुक्लागंज से सामने आया है। यहां मां ने बेटी को मोबाइल पर गेम खेलने से मना किया तो उसने फांसी लगाकर जान दे दी। घटना कोतवाली गंगाघाट के मोहल्ला बिंदानगर की है। परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही शव का अंतिम संस्कार करा दिया।
कक्षा 9 में पढ़ती थी छात्रा
मालूम हो कि बिंदानगर निवासी गोपाल चौरसिया प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनके दो बेटियां और एक बेटा है। मझली बेटी शुभि उर्फ दिशा (12) कक्षा नौ की छात्रा थी। गोपाल ने बताया कि वह मोबाइल पर अक्सर गेम खेला करती थी। घर वाले गेम खेलने से मना करते हुए पढ़ाई पर ध्यान देने को कहते थे। शुक्रवार रात भी वह मोबाइल पर गेम खेल रही थी। तभी उसकी मां मोना ने डांट दिया। इससे वह नाराज होकर ऊपर कमरे में चली गई। कुछ देर बाद बेटी को खाना खाने के लिए मां मोना ने बुलाया तो वह नीचे नहीं आई।
इसके बाद मोना ऊपर पहुंचीं तो बेटी का शव फंदे से लटकता मिला। परिजनों ने बताया कि मामले की जानकारी उन्होंने पुलिस को दी, पर पुलिस नहीं पहुंची तो अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं कोतवाली पुलिस का कहना रहा कि इस तरह की कोई सूचना पुलिस के पास आई ही नहीं।
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