नईदिल्ली। देश के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा के चेयरमैन रतन टाटा ने बुधवार रात को इस दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने अपनी अंतिम सांस मुंबई के अस्पताल में ली। बता दें इससे पहल मंगलवार को भी उनके गंभीर बीमार होने की सूचना बाहर आई थी, उन्होंने खुद इन दावों का खंडन किया और अपने आईसीयू में भर्ती होने के दावों को अफवाह करार दिया था। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ‘मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं फिलहाल अपनी उम्र और सेहत संबंधी जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं। चिंता का कोई बात नहीं है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। आपसे अनुरोध करता हूं कि जनता और मीडिया गलत सूचना फैलाने से बचें।’
1991 में संभाला अध्यक्ष पद
रतन नवल टाटा, एक भारतीय व्यापारी, निवेशक, दानवीरऔर टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे टाटा समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं। वे भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किए जा चुके हैं। वह प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं।टाटा ने मार्च 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष का पद संभाला था और 28 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत्त हुए। उनके कार्यकाल के दौरान टाटा समूह का राजस्व कई गुना बढ़ गया। यह राजस्व 1991 में महज 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार से बढ़कर 2011-12 में 100.09 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया।