नईदिल्ली। भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन की नींच रखी थी, नीव रखने वाले सदस्य ही धीरे—धीरे एकला चलों की राह में निकल पड़े। पहली इंडिया गठबंधन के सूत्रधार बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नाराज होने और एनडीए के तरफ झुकाव की खबरें सामने आ रही थी। बुधवार को एक ही दिन कांग्रेस को दो राज्यों से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा, पहले ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया, उसके कुछ घंटे बाद ही आप की दिल्ली इकाई ने अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। आशंका जताई जा ही कुछ ऐसी ही खबर यूपी से भी बहुत जल्द मिलने वाली है। क्योंकि अखिलेश यादव कांग्रेस को बहुत ज्यादा सीट नहीं देना चाहते है, जबकि कांग्रेस भी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
ममता का आरोप मेरी बात नहीं मानी
ममता ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने मेरा कोई भी प्रस्ताव नहीं माना है। ऐसे में हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में किसी भी पार्टी में तालमेल नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए भी उन्हें अब तक न्योता नहीं भेजा गया है।ममता ने कहा कि हम सेक्युलर पार्टी हैं और भाजपा को हराने के लिए हमें जो करना होगा हम करेंगे।
हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, इसके बावजूद भारत जोड़ो यात्रा निकालने को लेकर हमसे बात नहीं की गई। बंगाल से जुड़े किसी भी मामले में हमारा उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ है। बता दें कि ममता ने एक दिन पहले ही कांग्रेस को नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस लोकसभा की 300 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन उसे कुछ क्षेत्रों को पूरी तरह क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए। पर कांग्रेस अपनी मनमानी पर अड़ी है।
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