तब पत्रकार सदन के कटघरे में खड़े थे

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Then the journalists were standing in the dock of the House
सपा सरकार में यूपी विधानसभा सत्र के दौरान पत्रकारों को विधानसभा के कटघरे में खड़ा कर दिया था।

सदन में पेशी की परंपरा डालने वाले क्यों जता रहे एतराज

नवेद शिकोह, लखनऊ। पुलिसकर्मियों की सदन (यूपी विधानसभा) में पेशी की परंपरा पर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एतराज़ जताया है। लेकिन इस परंपरा में पत्रकारों की पेशी और उन्हें सदन के कटघरे में खड़ा करने की शुरुआत अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल में हुई थी। सपा सरकार में यूपी विधानसभा सत्र के दौरान पत्रकारों को विधानसभा के कटघरे में खड़ा कर दिया था।

दीपक शर्मा की कराई थी पेशी

लखनऊ से अपनी पत्रकारिता का सफर शुरू करने वाले वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा जो करीब बीस बरस से दिल्ली में रह रहे हैं और देश के विख्यात पत्रकार हैं। एक तगड़े (कमज़ोर नहीं) पत्रकार की तरह दीपक हर दौर की सरकार की कमियों के सामने सवाल उठाते हैं। आक्रामक आलोचक की भूमिका निभाते हैं। समाजवादी पार्टी सरकार में उन्होंने तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री आज़म खान के खिलाफ एक ख़बर चलाई थी।

Then the journalists were standing in the dock of the House
सदन में पेशी की परंपरा डालने वाले क्यों जता रहे एतराज

इसके अतिरिक्त एक अन्य चैनल में भी आजम पर सवाल उठाती खबर दिखाई थी। इसके बाद यूपी विधानसभा सत्र के दौरान दीपक शर्मा सहित कई नामचीन पत्रकारों को दिल्ली से लखनऊ हाज़िर कराया गया था। इनकी पेशी हुई थी और बाकायदा कटघरे में खड़ा किया गया था। जब से केंद्र में मोदी और यूपी में योगी सरकार है तब से दीपक शर्मा भाजपा सरकारों पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। लेकिन शायद उन्हें इस दौरान किसी कटघरे में खड़ा नहीं किया गया।

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