तर्पण फाउंडेशन के श्रीकांत भारतीय ने अनाथ बच्चों को टैब और मोबाइल वितरित किया

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Shrikant Bhartiya of Tarpan Foundation distributes tabs and mobiles to orphans
श्रीकांत भारतीय जी ने मेरा मार्गदर्शन किया। इस कार्यक्रम का संचालन तर्पण के निदेशक संतोष मनूरकर ने किया।

मुंबई- बिजनेस डेस्क। तर्पण फाउंडेशन के फॉउंडर और विधायक श्री श्रीकांत भारतीय द्वारा मुम्बई के गरवारे क्लब में आयोजित एक अनोखे कार्यक्रम में अनाथ बच्चों को मोबाइल एवं टैब वितरित किया गया। इस वितरण समारोह में महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर राहुल नार्वेकर, मुम्बई के पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर और स्वामी बृजमोहनदास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा की पूजा और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। यहां काफी अनाथ बच्चों को मोबाइल फोन और टैबलेट बांटे गए। वहीं श्रीकांत भारतीय ने सभी मेहमानों को पुष्पगुच्छ, शॉल देकर सम्मानित किया। महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने यहां आगे कहा कि महाराष्ट्र के अनाथ बच्चों को तर्पण फाउंडेशन की छतरी मिल गई है, इसलिए इन बदकिस्मत बच्चों की किस्मत चमक गई है। हमारे लोकतांत्रिक देश में ऐसा कानून है कि सभी के साथ न्याय और समान व्यवहार किया जाना चाहिए। उसके लिए सरकारी तंत्र बनाया गया है। जिस तरह का काम तर्पण कर रहा है वह सिर्फ एक एनजीओ का काम नहीं है बल्कि सरकार का जो काम हैए वो यह फाउंडेशन कर रहा है। आने वाले समय में महाराष्ट्र सरकार इस संगठन को हर संभव सहयोग देगी।

राहुल नार्वेकर ने दी बधाई

मैं श्रीकांत जी उनके फाउंडेशन को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ कि वे यूपीएससी की तैयारी कर रहे अनाथ छात्रो की मदद कर रहे हैं। इस तरह के प्रोग्राम में आने का मुझे अभूतपूर्व अनुभव हुआ। इस मौके पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि यह विधानमंडल का सौभाग्य है कि श्रीकांत जी विधायक बने हैं। श्रीकांत भारतीय ने विपरीत परिस्थितियों में अनाथों की मदद करने का कार्य प्रारंभ किया था। अब जब वह एमएलए बन गए हैं तो महाराष्ट्र सरकार की भी इस काम में बड़ी मदद मिलेगी। विधायक के रूप में श्रीकांत भारतीय जैसे प्रभावी और सक्रिय व्यक्ति का होना विधानमंडल का सौभाग्य है।

पुलिस कमिश्नर विवेक सराहा

मुम्बई के पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर ने कहा कि अगर तर्पण फाउंडेशन मुंबई शहर के अनाथों की मदद के लिए पहल करता है, तो मुंबई पुलिस इस अच्छे काम के लिए आगे आएगी। मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक फनसालकर ने इस अवसर पर आगे कहा कि यह ह्रदयस्पर्शी कार्यक्रम रहा। तर्पण नाम काफी सुंदर है, चूंकि तर्पण का कार्य समाज को अर्पण है, जिसका प्रतिबिंब दर्पण में देखने को मिलता है।

ईश्वर श्रीकांत जी को खूब शक्ति दे ताकि वे अनाथ बच्चों की यूंही मदद करते रहें। श्रीकांत और श्रेया भारतीय को अनाथ बच्चों का भविष्य बनाने के लिए किए गए काम पर गर्व है और हम उनकी मदद करने में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुंबई शहर के अनाथालयों का सर्वे करने और उनकी जरूरतों को समझने पर पूरा मुंबई पुलिस बल तर्पण के पीछे खड़ा रहेगा। अनाथों की समस्याएँ अनेक हैं। विवेक फनसालकर ने यह भी कहा कि श्रीकांत, जिन्होंने अनाथों की तमाम समस्याओं को हल करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया हॉ भारतीय अनाथों के बाबा हैं। पुलिस कमिश्नर ने इस अवसर पर एक शेर भी पढ़ा कि ष्इलाइची के दानों सा मुकद्दर है अपनाए यह जितनी पिसती गई उतनी खुशबू बिखरती रही।

18 वर्ष से कर रहे सेवा

तर्पण फाउंडेशन के एमडी और फाउंडर श्रीकांत भारतीय ने इस कार्यक्रम में कहा कि जब 18 वर्ष पूरे कर चुके बाल सुधार गृहों में अनाथ बालक.बालिकाओं के पुनर्वास की गंभीर समस्या सामने आई तो इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तर्पण फाउंडेशन की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि तर्पण की ओर से पिछले तीन वर्षों में 152 अनाथों को अडॉप्ट किया गया और उनकी सामाजिकए आर्थिक एवं शैक्षणिक मदद की गईण् भविष्य में इन बच्चों को ऐसे कई अनाथों का सहारा बनाने का प्रयास किया जा रहा है और उन्होंने उन अनाथों के लिए तर्पण फैलोशिप शुरू करने की भी घोषणा की जो केंद्रीय और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में शामिल होना चाहते हैं।

टैबलेट पाकर बच्चे हुए खुश

यहां टैब हासिल करने वाले अनाथ अश्विन काफी इमोशनल हो गए और उन्होंने कहा श्रीकांत बाबा ने मुझसे कहा कि तुझे जब भी किसी चीज की जरूरत हो आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक जिस तरह की मदद चाहिए मुझे फोन करना। यहां मौजूद एक ओर्फ़न गर्ल ने कहा कि मैं अनाथ लड़की हूँए 18 साल के बाद क्याघ् आर्थिक समाजिक समस्या आती है तर्पण फाउंडेशन से सम्पर्क किया तो उन्होंने काफी सहयोग दिया।श्रीकांत भारतीय जी ने मेरा मार्गदर्शन किया। इस कार्यक्रम का संचालन तर्पण के निदेशक संतोष मनूरकर ने किया। जबकि वोट ऑफ थैंक्स श्रीमती उमा चव्हाण ने कहा।

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