aam mahotsav में पहुंचे 800 प्रजाति के आम, मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर लंदन किया कंटेनर को रवाना

800 varieties of mangoes arrived in Aam Mahotsav, Chief Minister flagged off the container to London

आम महोत्सव सिर्फ महोत्सव नहीं है, यह तकनीक के विकास का माध्यम बन रहा है।

लखनऊ। आम के मौसम में हर साल लगने वाले aam mahotsav  का लोगों काे बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इसमें विभिन्न किस्मों और प्रजातियों के आम देखने और खरीदने को मिलते हैं। शुक्रवार को राजधानी के अवध शिल्प ग्राम में तीन दिवसीय आम महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।इस महोत्सव में आम की 800 प्रजातियों को देखने और चखने का अवसर लोगों को मिलेगा। इस मौके पर सीएम ने हरी झंडी दिखाकर आम के कंटेनर लंदन और दुबई के लिए रवाना किए।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजन के अनुरूप हमारा किसान आज कृषि की उन्नत तकनीकों को अपना कर लाभ कमा रहा है। आम महोत्सव सिर्फ महोत्सव नहीं है, यह तकनीक के विकास का माध्यम बन रहा है। डबल इंजन की सरकार ने चार पैक हाउस बनाए हैं। इससे निर्यात बढ़ रहा है। औद्यानिक फसलों से जुड़े बागवान को एक्सपोर्ट के लिए प्रशिक्षित करते हैं। उन्होंने कहा प्रदेश का आम विदेश भेजा जा रहा है। भविष्य में इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। उत्तर प्रदेश में 25 से 30 फीसदी जीडीपी कृषि की है। इसे बढ़ा रहे हैं। विकसित भारत की संकल्पना आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में जल परियोजनाएं आईं। जल की समस्या का समाधान हुआ है। वहां पैदावार बढ़ी है। बहुफसली खेती हो रही है। आलू के बाद मक्का की खेती हो रही है। एक एकड़ मक्का में एक लाख का मुनाफा हो रहा है।
800 varieties of mangoes arrived in Aam Mahotsav, Chief Minister flagged off the container to London
हमें आम प्रसंस्करण की यूनिट बढ़ाने की जरूरत है जिससे कि पूरे साल प्रदेश के लोगों को आम मिल सके।

आम का उत्पादन बढ़ा

इस अवसर पर उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा हमें आम प्रसंस्करण की यूनिट बढ़ाने की जरूरत है जिससे कि पूरे साल प्रदेश के लोगों को आम मिल सके। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 61 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश के सभी जिलों की जलवायु के अनुसार वहां आम की पौध उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे हर जिले में उत्पादक बनें। इसके लिए 28 करोड़ पौधे नर्सरी से बंटवाए गए हैं। प्रदेश में कृषि और उद्यान के लिए क्षेत्रफल लगातार घट रहा है इसलिए उद्यान विभाग की कोशिश है कि ऐसी फसल उपजाई जाए, जिसमें कम क्षेत्रफल में अधिक मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि जितने क्षेत्रफल में गेहूं 38000 का होता है उतने क्षेत्रफल में 15 लाख की शिमला मिर्च तैयार होती है।
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