तेहरान। एशिया के दो शक्तिशाली देश इस्राइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष के बीच भारतीय छात्रों की मुसिबत बढ़ गई है, दोनों एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन से हमला कर रहे है। इस्राइल ने ईरान के विदेश मंत्रालय समेत कई सरकारी इमारतों को निशाना बनाया गया है। इससे पहले इस्राइल ने ईरान के तेल रिफाइनरी, गैस ठिकानों को निशाना बनाया। ईरान में मरने वालों का आंकड़ा 224 हो गया है। ईरान में 1277 लोग घायल भी हैं। वहीं ईरान ने भी इस्राइल पर ताबड़तोड़ हमले किए और शुक्रवार से अब तक 270 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। इनमें से 22 के करीब मिसाइलें आयरन डोम से बचकर इस्राइल के रिहायशी इलाकों में गिरी हैं, जिससे इस्राइल में भी कई इमारतों को भारी नुकसान हुआ है। इस्राइल में भी 14 लोगों की मौत की खबर है और 390 लोग घायल हैं। वहीं ईरान में रह रहे भारतीय छात्रों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई, वह देश लौटना चाहते है, लेकिन निकल नहीं पा रहे है।
रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स भी मारा गया
इजरायली हमलों में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के खुफिया प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद काजमी और उनके डिप्टी हसन मोहाकिक इजरायली हमले में मारे गए। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कोर से जुड़ी ईरान की सरकारी न्यूज़ एजेंसी तस्नीम न्यूज़ ने बताया है कि तेहरान में हुए इस हमले में IRGC का एक तीसरा खुफिया अफसर मोहसिन बाघेरी भी मारा गया। इस हमले ने ईरान के सैन्य ढांचे को गहरा झटका दिया है और इससे देश का खुफिया तंत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
बंकर में छिपे खामेनेई
इस बीच, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई को शुक्रवार को इजरायली हमलों के शुरू होने के कुछ घंटों बाद ही तेहरान के उत्तर-पूर्वी इलाके लवीजान में एक अंडरग्राउंड बंकर में ले जाया गया है। खामेनेई अपने पूरे परिवार के साथ इस बंकर में मौजूद हैं। टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, खामेनेई ने अप्रैल 2024 और अक्टूबर में भी ईरान के इजरायल पर हमलों के दौरान इसी बंकर में पनाह ली थी।
ट्रंप ने खुद को किया हमले से अलग
ट्रंप की माने तो इस्राइल ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की योजना साजिश थी। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे खारिज कर दिया। इससे साफ है कि ईरान और इस्राइल की लड़ाई लंबी खिंच सकती है। इस्राइल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था, जिसके बाद ईरान ने भी पलटवार किया। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते पर रविवार को ओमान में बात होनी थी, लेकिन इस्राइल के हमले के बाद ईरान ने यह बातचीत टाल दी। ईरान और इस्राइल के बीच छिड़ा संघर्ष लंबे युद्ध में तब्दील होता नजर आ रहा है। ईरान ने भी इसकी तैयारी कर ली है और अपने मेट्रो स्टेशन और मस्जिदों को बम शेल्टर बना दिया है। इस्राइल द्वारा ईरान के सैन्य और सरकारी ठिकानों को निशाना बनाने के साथ ही मिसाइल लॉन्च ठिकानों और एयर डिफेंस के उपकरण बनाने वाली कंपनियों को भी निशाना बनाया।
मरने वालों का आंकड़ा बढ़ेगा
वॉशिंगटन के एक मानवाधिकार संगठन का दावा है कि ईरान में मरने वालों का आंकड़ा 400 के पार पहुंच गया है और 654 लोग घायल हैं। ईरान के गैस स्टेशनों पर वाहनों की लंबी कतारे हैं। हालांकि ईरानी सरकार ने तेल की कमी न होने का दावा किया है। राजधानी तेहरान की कई सड़कों को बंद कर दिया गया है। इस्राइल में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 14 हो गया है। हमले के चलते इस्राइल के लोग बंकरों में शरण लिए हुए हैं। रविवार को ईरानी हमले में इस्राइल में छह लोगों की जान गई, जिनमें 10 और 9 साल के दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं। इस्राइल के हाइफा शहर में एक तेल रिफाइनरी को भी निशाना बनाया गया।
सपा नेता ने ब्राह्मण समाज पर की टिप्पणी, उपमुख्यमंत्री से कहा डीएनए टेस्ट कराओ, गिरफ्तार