लखनऊ। विधानसभा चुनाव में दलितों को लुभाने के लिए सपाइयों ने Akhilesh Yadav को संविधान रचयिता बाबा साहब के बराबर दिखाने के लिए सपा मुखिया के चेहरे को बाबा साहब के चेहरे से जोड़कर कोलाज बनाकर पोस्टर छपवाने के मामले में अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने ऐसा करने वालो खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त लखनऊ को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि वे दोषियों के विरुद्ध एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करें। साथ ही की गई कार्रवाई से आयोग को 5 मई तक अवगत कराएं।
बाबा साहब का घोर अपमान
रावत ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सपा की लोहिया वाहिनी विंग की होर्डिंग में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की आधी तस्वीर काटकर उस हिस्से में अखिलेश यादव की तस्वीर लगाना बाबा साहब का घोर अपमान और एक निंदनीय कार्य है। यह एससी-एसटी की आस्था के साथ खिलवाड़ है। बाबा साहब का यह अपमान यह समाज सहन नहीं करेगा। सपा ने हमेशा बाबा साहब और दलितों का अपमान किया है। सपा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा ने किया प्रर्दशन
डॉ. भीमराव आंबेडकर की फोटो से छेड़छाड़ के मामले को लेकर बुधवार को भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतर पड़े। कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का पुतला फूंककर विरोध जताया। शहर के आंबेडकर चौराहा स्थित बाबा साहब की प्रतिमा के सामने भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप की अगुवाई में जोरदार प्रदर्शन किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सपा लोहिया वाहिनी की ओर से बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की फोटो से छेड़छाड़ कर अखिलेश यादव के चेहरे में जोड़ा गया है। जिससे बाबा साहब का अपमान हुआ है। भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिला संयोजक नंदकिशोर नंदू ने कहा कि अखिलेश यादव को बाबा साहब के बराबर दर्शाने का प्रयास किया गया है।
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