12 दिसम्बर 2024, बाराबंकी। यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे के अवसर पर श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के क्यू-क्लब/हेल्थ क्लब एवं जन-स्वास्थ्य विभाग, मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय द्वारा ‘‘उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण’’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन प्राकृतिक विज्ञान एवं मानविकी संस्थान के निदेशक प्रो0 भानु मणि दीक्षित ने किया। उन्होने कार्यशाला के आयोजक सदस्यों यथा डॉ0 अनिल कुमार समन्वयक, जन-स्वास्थ्य विभाग एवं डॉ0 राम प्रताप यादव, सह-समन्वयक क्यू-क्लब को कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने एवं सब तक पहुंच स्थापित करने के लिए जनस्वास्थ्य की शिक्षा एवं प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। कोरोना महामारी के पश्चात् स्वास्थ्य सेवाओं सहित शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण ने आमूल-चूल परिवर्तन ला दिया है। किन्तु जनसहयोग एवं तकनीकी विकास ने चुनौतियों को विकास में बदलते हुए ‘‘सर्वे भवन्तु सखिनः, सर्वे सन्तु निरामया’’ की धारणा को चारित्रार्थ किया है।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता यू0पी0टी0एस0यू0 के जनस्वास्थ्य के राज्य अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह ने एक उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का डिजलीकरण पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखाकर यह बताने का प्रयास किया कि किस प्रकार केन्द्र एवं राज्य सरकार समन्वय स्थापित कर उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने एवं नियमित निगरानी में तकनीकी ने सहयोग किया है। उन्होने बताया कि भारत सरकार ने एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए आवश्यक रीढ़ विकसित करने के लिए सितंबर 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन लॉन्च किया। उत्तर प्रदेश सरकार ई-कवच नामक अभिनव स्वास्थ्य प्रणालियों को डिजाइन किया है, जिससे स्वाथ्य सेवा प्रदाताओं एवं निगरानी तंत्र को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य डेटा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसका उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सतत् निगरानी एवं निर्णय लेने के लिए किया जाता है, जिससे डेटा-आधारित उपचार निर्णयों, डिजिटल चिकित्सा, नैदानिक परीक्षणों, देखभाल के स्व-प्रबंधन और व्यक्ति-केंद्रित देखभाल के आधार पर स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बड़ी संख्या में संचालित होने वाले स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के उपयोग से स्वास्थ्य सेवा में माइक्रोप्लानिंग की जाती है क्योंकि इसमें लाभार्थीवार डेटा की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने और महिलाओं और बच्चों की ट्रैकिंग सुनिश्चित करने की क्षमता है। इस प्रणाली का उद्देश्य छूटे हुए घरों की पहचान करके और उन्हें लक्षित करके असमानता को कम करना और सेवाओं से वंचित महिलाओं और बच्चों की प्रभावी ट्रैकिंग को सक्षम करना है। ई-कवच, मोबाइल और वेब-आधारित एक डिजिटल स्वास्थ्य एप्लिकेशन है, जो फ्रंटलाइन वर्कर्स और सेवा प्रदाताओं को लाभार्थी हेतु जो जानकारी एकत्र एवं वर्गीकृत करता है वह इस प्रकार हैं- प्रजनन एवं मात्र स्वाथ्य, परिवार नियोजन, प्रसवपूर्व देखभाल (एएनसी), गर्भावस्था परिणाम, प्रसवोत्तर देखभाल (पीएनसी) और बाल स्वास्थ्य (सीएच), कार्यक्रमों के साथ-साथ गैर-संचारी रोग (एनसीडी) के विभिन्न घटक शामिल हैं।
कार्यशाला समापन के अवसर पर मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता डॉ0 शिल्पा शुक्ला ने प्रतिभागियों एवं मुख्य वक्ता श्री गजेन्द्र सिह को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यशाला में जनस्वास्थ्य विभाग आकाश यादव सहित 30 से अधिक विद्यार्थियों एवं सकाय सदस्यों यथा- डॉ0 मंजरी कुरील, डॉ0 राघवेन्द्र सिंह ने भी प्रतिभाग किया।