लखनऊ। सरकार निम्न वर्ग के बाद अब मध्यम वर्ग के आवास बनाने की योजना लेकर आई है। गुरुवार को संसद में पेश बजट में व्यवस्था की गई है कि हर साल सरकार दो लाख लोगों के लिए आवास का निर्माण करेगी। इससे झुग्गी झोपड़ी और किराए के मकान में रहने वालों के लिए अपने घर का सपना पूरा होगा। हालांकि सरकार ने इसकी पात्रता को लेकर स्थिति साफ नहीं की है, इस योजना का लाभ उठाने के लिए कौन पात्र होगा।
पात्रों की स्थिति साफ नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस योजना के लागू होने से प्रदेश में बड़े तबके को इसके दायरे में लाने का रास्ता साफ हो जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई) के क्रियान्वयन से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि प्रदेश में अभी तक चाल, झुग्गी-झोपड़ी और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का सर्वे नहीं कराया गया है। इसलिए ऐसे लोगों की संख्या तय नहीं है। निम्न वर्ग की अधिकांश आबादी को इस योजना का लाभ उपलब्ध करा दिया गया है। यूपी में पीएम आवास योजना में अब तक कुल 17 लाख 65 हजार 771 आवास स्वीकृत हुए थे, जिसमें से 14 लाख 39 हजार 721 मकानों का निर्माण कार्य पूरा करके लाभार्थियों को आवंटित कर दिया गया है। इस प्रकार मौजूदा समय में 3 लाख 26 हजार 50 मकान बनाने ही शेष रह गए हैं। इसके अलावा इस योजना के तहत अब कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं है।
मध्यम वर्ग के लिए कोई व्यवस्था नहीं
प्रदेश में गरीबों और निम्न मध्य वर्ग के लिए कई आवासीय योजनाएं लागू हैं। इन सभी योजनाओं में 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस और 10 फीसदी एलआईजी मकान आरक्षित होते हैं, लेकिन मध्य वर्ग के लिए सीधे तौर पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। आवास विभाग निजी क्षेत्रों की भागीदारी से अफोर्डेबल नीति को मंजूरी दी गई है, लेकिन यह योजना अभी तक पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ पाई है। केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम बजट में अपना घर खरीदने के लिए मध्य वर्ग आवास योजना शुरू करने की घोषणा से उम्मीद जगी है।
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