यूपी में गठंधन में दरार: सीट बंटवारे पर सपा-कांग्रेस में नहीं बन रहीं बात खुर्शिद बोले अब राहुल ही करेंगे अखिलेश से बात

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Crack in the alliance in UP: SP-Congress are not able to talk on seat sharing, Khurshid said, now only Rahul will talk to Akhilesh
कोई भी क्षे​त्रीय दल कांग्रेस को बड़े भाई का दर्ज नहीं देने को तैयार है

लखनऊ। केंद्र सरकार की सत्ता से भाजपा को हराने के ​लिए सभी दल साथ तो आए है, लेकिन अपनी —अपनी महत्वाकांक्षाएं कोई छोड़ने को तैयार नहीं हैं, इसलिए अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला हैं। कोई भी क्षे​त्रीय दल कांग्रेस को बड़े भाई का दर्ज नहीं देने को तैयार है, जबकि सब जानते है कांग्रेस के बिना गठबंधन का कोई अस्तीत्व नहीं है।

चाहे यूपी हो या बंगाल हर जगह क्षेत्रीय दल कांग्रेस को हल्के में ले रहे है। भले कांग्रेस हाईकमान इनके आगे झुक जाए, लेकिन स्थानीय नेताओं को संतोष कैसे होगा। यहीं वजह हैं कि पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन की तरह ही यूपी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता के भी बोल सख्त होने लगे है। बुधवार को सीट बंटवारे को लेकर हुई बैठक के बाद सामने आया कि दोनों दल गठबंधन तो चाहता है, लेकिन सपा जितनी सीट चाहती है, उतनी की शर्त पर कांग्रेस तैयार नहीं होगी, क्योंकि कांग्रेस की स्थानीय इकाई पूरे दमखम से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। यदि कांग्रेस सपा की शर्त मानती है, कांग्रेस के अधिकांश दिग्गज चुनाव लड़ने से ही रह जाएंगे।

सीटों को लेकर असमंजस

चुनाव लगभग करीब आने हो, लेकिन सपा और कांग्रेस में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। सीटों के बंटवारे पर दिल्ली में कांग्रेस और सपा के बीच बुधवार को हुई बैठक आगे तो बढ़ी, पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। सपा नेता रामगोपाल बोले, गठबंधन तो होगा, लेकिन सीट पर बात नहीं बन पा रही है, वहीं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि सपा के साथ एक और बैठक होनी है। बात नहीं बनी तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे अखिलेश यादव के साथ बात करेंगे।

नहीं​ मिल रहे नेताओं के मन

कांग्रेस और सपा की स्थिति अभी वह है जैसे साथ छोड़ेंगे भी नहीं और एक दूसरे को भाव देंगे भी नहीं। सपा की हठ की वजह से बसपा ने एकला चलों की राह अपना ली। दरअसल अखिलेश यादव बार— बार बसपा को लेकर तल्ख बयान दे रहे थे, वहीं कांग्रेसी साथ लाना चाह रहे थे। बात बनती न देख मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर​ लिया, इससे मतों का बंटवारा तय है। बुधवार को एक बयान में अखिलेश यादव ने फिर से दोहराया कि गठबंधन होगा। लेकिन राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाती ही नहीं। मायने यह निकाले जा रहे हैं कि दोनों दलों में सबकुछ ठीक नहीं है।

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