लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव अलग थ्योरी पर लड़ती है, वह चुनाव जीतने के लिए किसी भी सांसद या विधायक काटने से पीछे नहीं हटती, कई बार उसने मौजूदा सांसदों—विधायकों के टिकट काटकर पूरे का पूरा माहौल बदलने में सफल रही है। दरअसल अभी तक बीजेपी सीएम या पीएम चेहरों से जनता में नाराजगी नहीं देखने को मिलती, जो नाराजगी रहती है, वह स्थानीय जनप्रतिनिधियों से ऐसे में पार्टी उनकी जगह दूसरे को मैदान में उतारकर चुनाव जीत लेती है। कुछ ऐसा ही यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिल सकता है।
पार्टी उन सांसदों का डेटा तैयार कर रही है,जिनकी जनता से अच्छा फीडबैक नहीं मिल रहा है। पार्टी अपने मिशन 80 को पूरा करने के लिए जीजान से जुटी हुई है।
महिला प्रत्याशियों पर दाव
ऐसे कई भाजपा नेता जिन्हें टिकट कटने का डर है, वह अभी से कांग्रेस और सपा में जाने के लिए रास्ते बनाने में जुटे है। पार्टी के अंदरूनी रिपोर्ट के अनुसार संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की जा रही है, कुछ सांसदों को इसका अंदाजा हो गया है कि इस बार टिकट मुश्किल है तो ऐसे में नए घर की तलाश में जुटी है। वहीं बता दे कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम की वह से इस बार चुनाव में पार्टी अधिक महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है। सहयोगी दल सुभासपा, अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को भी गठबंधन में पहले से अधिक सीटें देने की चर्चा है।
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