योगी के महिला सम्मान को मोदी ने दिए पंख

132
Implement women's reservation, who is stopping you, then will the opposition parties give reservation?
एक महिला होने का और एक आरक्षण मुस्लिम या ओबीसी होने का।

नवदे शिकोह, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सम्मान का एक दीप जलाया था,और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला आरक्षण की अलख से इतिहास रच दिया। नारी सुरक्षा, सम्मान, सामाजिक हिस्सेदारी और सियासत में भागीदारी का सिलसिला योगी सरकार ने कुछ ऐसा शुरू किया कि यूपी विधानसभा में महिला सशक्तिकरण की रवायत देश की संसद में परवान चढ़ने के रास्ते तय करने में कामयाबी की राह पर आ गई। योगी सरकार में यूपी विधानसभा में महिलाओं की तादाद की बढ़ोतरी ने पिछले बीस वर्षों का रिकार्ड तोड़ा। वर्तमान में 48 महिला विधायक यूपी एसेंबली में हैं और राज्य के मंत्रिमंडल में पांच महिलाएं शामिल हैं। जबकि यहां 11 महिला सांसद हैं।

सियासी भागीदारी बढ़ेगी

आरक्षण विधेयक पास होने के बाद यूपी में सार्वाधिक सियासी भागीदारी बढ़ेगी। विधानसभा की 132 सीटें और लोकसभा की 26 सीटें रिजर्व हो जाएंगी।बता दें कि यूपी सरकार ने 22 सितम्बर 2022 में महिला विधायकों के विशेष सत्र की अनूठी मिसाल पेश की थी। जिसमें सिर्फ महिला विधायकों को अपनी बात रखने और मुद्दे उठाना का अवसर प्रदान किया गया था।केंद्र की मोदी सरकार में जहां इज्जत घर (शौचालय) गैस सब्सिडी, फ्री राशन, पक्का मकान, महिला सम्मान निधि और तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर महिला वर्ग का विश्वास जीता गया वहीं योगी सरकार ने लव जेहाद और जबरन धर्मांतरण पर लगाम लगाई, ऑपरेशन रोमियो जैसे कदमों ने महिला रक्षा-सुरक्षा और सम्मान को बल दिया।‌ मोदी-योगी के इन प्रयासों के बाद आरक्षण विधेयक सोने पर सुहागा बन सकता है।

महिलाओं की आवाज़ बुलंद होगी

गणेश चतुर्थी के दिन नये संसद भवन के श्रीगणेश के शुभमुहूर्त में भारत महिला सम्मान के मामले में विश्व की प्रथम पंक्ति में खड़ा होने की पहल कर चुका है। लोकतंत्र के मंदिर में पुरुषों के लगभग बराबर की भागीदारी निभाकर महिलाएं अब सत्ता और विपक्ष के ख़ेमों में भारत की जनता की नुमाइंदगी करेंगी। आधी आबादी की आधी हिस्सेदारी निभाने वाली महिलाओं की बुलंद आवाज़ औरतों के हक़ और हुकूक के लिए लड़ेगी। शतरूपा की शक्ति नारी उत्पीड़न, कुप्रथाओं, बलात्कार, शोषण, उत्पीड़न को समाप्त करेगी, उम्मीद की इस रौशनी ने देशभर की नारी जाति में शक्ति का प्रवाह तेज़ कर उत्साह से लबरेज कर दिया है। भारत विश्व का पहला देश होगा जहां की संसद में सार्वाधिक महिला जनप्रतिनिधियों की तादाद होगी। अफ्रीका के रवांडा की संसद का रिकार्ड भारत की संसद तोड़ेगी। रवांडा में महिलाओं को तीस फीसद आरक्षण देकर उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया था। अब भारत देश का पहला देश होगा जहां महिलाओं के लिए सार्वाधिक आरक्षण होगा।

मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

पॉलिटिकल नजरिए से भी महिला आरक्षण मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक है। देश में कांग्रेस के साथ खड़े होकर विभिन्न प्रांतों के क्षेत्रीय दल आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। विपक्षी एकता-एकजुटता वाले इंडिया गठबंधन के पास नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री पद के मजबूत दावेदार की कमी है। इसलिए कहा जाता है कि भाजपा किसी भी चुनाव को मोदी-योगी जैसे अत्यंत लोकप्रिय चेहरों के नाम और कमल के चिन्ह के बूते पर जीत लेती है, यहां प्रत्याशी कमजोर भी हो तो काम चल जाता है।

ऐसे में भाजपा के पास राजनीति में दक्ष फिलहाल पुरुषों के बराबर संख्या में महिलाएं ना भी हों तो भी अनजान महिला चेहरे भी कमल, मोदी,योगी के बल पर चुनावी लड़ाई में विरोधी से डटकर मुकाबला कर सकते हैं। किंतु इंडिया गंठबंधन और उसके घटक सपा जैसे क्षेत्रीय दलों के पास लोकसभा जैसे चुनावों में प्रधानमंत्री की दावेदारी के लिए राष्ट्रीय स्तर के नेता का चेहरा भले ही ना हो लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों के स्थानीय नेता हैं, जो अपनी स्थानीय पहचान के बूते पर चुनावी रण में जीतने की का जनाधार रखते हैं। लेकिन दलों के पास ऐसी महिला नेत्रियों की बेहद कमी है जो बिना किसी बड़े चेहरे के सहारे के खुद के स्थानीय जनाधार के बल पर मजबूती से चुनाव लड़ सके।

राजनीति पहचान पहचान मिलेगी

ऐसे में इंडिया गंठबंधन को अपनी-अपनी पार्टी में करीब आधी सीटों पर ऐसी महिलाएं कैसे मिलेंगी जिनकी राजनीति पहचान,पकड़ और जनाधार हो। क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों में वर्कर्स के तौर पर तो महिलाओं की तादाद दिखाई जा सकती है लेकिन पार्टी संगठनों में इनकी हिस्सेदारी पांच से दस फीसद से भी कम होगी। विभिन्न विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों में राजनीतिक पहचान और सियासी पकड़ वाले नेता पर्याप्त मात्रा मे हैं लेकिन हर विधानसभा -लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त पहचान और जनाधार वाली नेत्रियों की कमी है।

Modi gave wings to Yogi's women's honor

ऐसे में भाजपा तो मोदी-योगी और कमल के बूते पर कम जनाधार वाले अपने उम्मीदवार वार को भी जिता देती है लेकिन गैर भाजपाई दल मोदी जैसे किस बड़े चेहरे के बिना लोकसभा जैसे बड़े चुनाव में राजनीति में अपरिपक्व महिला उम्मीदवारों को कैसे जिताएंगे !क्योंकि दुर्भाग्य ये रहा कि राजनीति दलों की इच्छा शक्ति ही नहीं रही है कि पुरुषों के बराबर की संख्या में अधिक संख्या मे महिलाओं को हिस्सेदारी दी जाती और नेत्रियों के तौर पर स्थापित किया जाता।

नारीवाद और तुष्टिकरण भी अच्छा है

महिला आरक्षण बिल से भाजपा इस तरह के तमाम पॉलिटिकल माइलेज लेना चाहती है, ऐसी चर्चाओं में दम हो या ना हो पर ये मोदी का मास्टरस्ट्रोक तो है ही। नारी सशक्तिकरण की ये अलख यदि नारीवाद है या महिला तुष्टिकरण है तो ये नारीवाद और तुष्टिकरण भी अच्छा है। और उसके आगे जातिवाद और धर्मवाद की राजनीति भी धुंधली पड़ सकती है।इस बिल के पीछे राजनीति स्वार्थ हो या ना हो पर महिलाओं को आगे बढ़ाने की कोई भी पहल सभ्य समाज को पसंद आती है। भारत के बहुसंख्य सनातनी यदि मां दुर्गा को शक्ति मानते हैं तो मुसलमानों के नबी ने अपनी बेटी की ताज़ीम (सम्मान) में खड़े हो जाने की तालीम दी है।

नरीी शक्ति का सम्मान

चौदह साल पहले मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों को कर्बला में शहीद कर दिया गया था तब इमाम हुसैन की बहन हज़रत ज़ैनब ने आतंकवादी प्रवृत्ति के ज़ालिम बादशाह यज़ीद के दरबार में जो ख़ुत्बा (स्पीच) दिया था उसके ओज से क्रूर-ताकतवर बादशाह और उसका पूरा दरबार डर कर कांपने गया था। भारत के हर वर्ग के हर धर्म ने महिला सशक्तिकरण की जरूरत पर बल दिया है।

हिन्दू बेटी को लक्ष्मी मानते हैं तो ईसाई समाज मरियम के पवित्र किरदार को ज़िन्दगी में उतारने की कोशिश करता है। मां के पैरों के नीचे जन्नत की कल्पना से लेकर लेडीज़ फर्स्ट को हर भारतीय ने स्वीकार किया है। रानी लक्ष्मीबाई से लेकर अहिल्या बाई और इंदिरा गांधी जैसी नारी शक्तियां हमारे देश का गौरव रही हैं।वर्तमान में संसद और सियासत में महिलाओं को बराबर की भागीदारी दिलाने वाला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ये क़दम निश्चित तौर पर देश को उन्नति,प्रगति और समृद्धि की ओर आगे बढ़ाएगा, देशवासी को इस बात का पूरा विश्वास है

इसे भी पढ़े..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here