बरेली। यूपी के बरेली शहर से अपराध की दुनिया की ऐसी खबर सामने आई है,जिसे सुनकर हर कोई हैरान हो जाएगा। यहां एक युवक ने अपने अवैध संबंध का विरोध कर रही मां और कुंवारे चाचा को जेल भिजवाने के बाद उनकी संपत्ति अपने नाम कराने के लिए मां की हत्या कर दी। शव को अपने क्षेत्र से दूर ले जाकर फेंक दिया था। लाख चकमा देने के बाद भी आरोपी पुलिस के हाथ लग गया, रविवार को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया।
जंगल में ले जाकर फेंका था शव
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 10 अगस्त को शाही के गांव मुबारकपुर निवासी शांति देवी (62) का शव फतेहगंज पश्चिमी के गांव पनबड़िया के जंगल में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई थी। शुरुआत में इसे शाही इलाके में हो रही महिलाओं की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन पुलिस जांच में कुछ और ही मामला सामने आया।
इंस्पेक्टर ललित मोहन ने बताया कि तोताराम के उसके परिवार की ही महिला से अवैध संबंध थे। घर में हो रही हरकतों को शांति देवी भांप रही थीं। उन्होंने अपनी आंखों से ये सब देखा तो तोताराम को साफतौर पर चेताया था। तोताराम ने खुद को फंसते मां को ही रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। पुलिस जांच में उसके खिलाफ कई सबूत मिले, इसके बाद पुलिस ने संदेही तोताराम को हिरासत में लेकर पूछताछा शुरू की, पहले तो उसने खूब छकाया बाद में जब दो डंडे लगे तो उसने तोता की तरह अपने जुर्म कबूल कर लिए।
चाचा को फंसाने रची साजिश
मां को रास्ते से हटाने के लिए तोताराम ने काफी दिमाग लगाया। उसने जमीन की खातिर चाचा को फंसाने की भी साजिश रची थी। शांति देवी उन दिनों अपनी ननिहाल गई थीं। इस बीच आठ दिन तक परिवार के किसी सदस्य ने उनसे बात नहीं की। पुलिस को शुरू से ही परिवार पर संदेह था। वहीं, शव मिलने के बाद बेटे ने उसे पहचानने से इनकार किया था। उसने खुद वादी बनने या खुलासे के लिए पुलिस से एक बार भी नहीं कहा। तब पुलिस ने आसपास के लोगों को भरोसे में लेकर जानकारी जुटाई।
तोताराम को पकड़कर सख्ती की तो वह तोते की तरह राज उगलने लगातोताराम ने बताया कि उसके एक चाचा की शादी नहीं हुई थी। उन्होंने अपने हिस्से की कुछ जमीन चचेरे भाई के नाम कर दी थी। बची जमीन भी वह उसी को देना चाहते थे। उसने योजना बनाई कि मां की हत्या में अगर घरवालों पर शक हुआ तो वह चाचा को फंसाकर उनकी जमीन अपने नाम करा लेगा।
इस तरह की मां की हत्या
आरोपी ने बताया कि पहले तोताराम का भाई मां शांति देवी को बाइक से लालकुआं चौराहे पर छोड़ गया था। बाद में पता लगा कि भाई से यह बात तोताराम ने ही कहलवाई थी। शांति देवी खुद ही ई-रिक्शा से फतेहगंज पश्चिमी पहुंच गईं तो पीछे से बाइक लेकर लालाराम पहुंच गया। उसने मां को बाइक पर बैठाकर रहपुरा जागीर (शांति देवी की ननिहाल) ले जाने लगा। फिर रहपुरा की बजाय पनबड़िया की ओर बाइक मोड़ दी। सुनसान जगह पर शांति देवी की साड़ी से गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
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