बांदा। कभी जरायम की दुनिया में अपनी बादशाहत के लिए प्रसिद्ध माफिया मुख्तार अंसारी जेल को ऐशगाह के रूप में देखता था, अब उसी माफिया को जेल में भी हर पल मौत का का खौफ सता रहा है। कभी अधिकारियों को डराने वाला माफिया अब अब अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहा है। गत दिवस जब वह मऊ कोर्ट में पेशी के दौरान उसने असुरक्षा की बात कहीं। उसने बताया कि जेल में स्थानांतरित होकर आए वार्डन को उससे दूर कर दिया गया है।
कड़ी सुरक्षा में भी डर रहा माफिया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेल में बॉडी वार्न कैमरे खराब हैं, जिन्हें अब तक ठीक नहीं कराया गया है। मुख्तार अंसारी के मंडल कारागार में आने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक कर दिया गया था। यहां 46 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसके अलावा 73 जेल वार्डन और अधिकारियों के अलावा विशेष ड्यूटी के लिए भेजे गए गैर जनपद 12 वार्डन एक डिप्टी जेलर निगरानी के लिए हैं।इसके अलावा दो बटालियन पीएसी का भी पहरा रहता है। निर्देश थे कि निगरानी और पारदर्शिता के लिए छह बॉडी वार्न कैमरे भी 24 घंटे सक्रिय रहें, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। 24 घंटे सक्रिय रहने वाले बॉडी वार्न कैमरे वार्डनों को लगाना अनिवार्य है।
तीन बॉडी कैमरा खराब
पांच महीने से तीन बॉडी वार्न कैमरे खराब हैं। उनको न ही बदला गया और न ही ठीक कराया गया है। पिछले वर्ष डीएम व एसपी को भी जेल में निरीक्षण के दौरान बाडी वार्न कैमरे नहीं मिले थे। इस पर कार्रवाई करते हुए जेलर समेत पांच कर्मी को निलंबित भी किया गया था। वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा कि जेल के अंदर कैमरे लगे हैं। जो कैमरे खराब हैं, उन्हें सुधारने व नए और भेजे जाने की मांग की गई है। जल्द ही सुरक्षा और ज्यादा मजबूत कर ली जाएगी। जेल में किसी प्रकार की असुरक्षा नहीं है, लगातार निरीक्षण व निगरानी की जा रही है।
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