झांसी। कहते खेल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, लेकिन कई युवाओं के लिए यह नुकसानदायक साबित हो रहा है,क्योंकि वह खेल को मनोरंजन या स्वास्थ्य के लिए नहीं खेलते, बल्कि वह खेल को नशा बना लेते हें, इसलिए कई बार टोकने पर वह उग्र हो जाते है। कई बार ऐसा कदम उठा लेते है, जिससे उन्हें जीवन भर पश्चाताना पड़ता है। कुछ ऐसा ही मामला यूपी के झांसी शहर में सामने आया है। यहां पबजी खेलने से मना करने पर आक्रोशित युवक ने अपने माता— पिता को पीट-पीटकर मार डाला। दरअसल वह कई दिनों से मोबाइल पर पबजी खेल रहा था, जब परिजनों ने समझाने का विरोध किया तो वह आक्रोशि हो गया, दोनों को मौत के घाट उतार दिया।
मोबाइल छिपाने से था नाराज
सिरफिरे युवक की कहानी झांसी के बंगरा क्षेत्र की है। यहां के रहने वाले लक्ष्मी प्रसाद झा (58) पलरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य थे। वह अपनी पत्नी विमला (55) और इकलौते बेटे अंकित (28) के साथ पिछोर में रहते थे।परिजनों के मुताबिक अंकित को पबजी गेम खेलने की लत लग गई थी। पिता इस बात पर उसे अक्सर टोकते थे। वह उससे मोबाइल भी छीन लिया करते थे। लेकिन इसके बाद भी जब कभी अंकित को मोबाइल मिलता वह चोरी-छिपे पबजी खेलने लग जाता था। शुक्रवार को भी अंकित के हाथ मोबाइल लग गया था।
जब पिता लक्ष्मी प्रसाद ने उसके हाथ में मोबाइल देखा तो उसे फटकारते हुए मोबाइल छीन लिया और अपने कमरे में अलमारी में रख दिया था। इससे अंकित नाराज हो गया । रात में सब लोगों ने साथ में खाना खाया और अपने कमरे में जाकर सो गए। लक्ष्मी प्रसाद पत्नी विमला के साथ नीचे वाले कमरे में थे। जबकि अंकित पहली मंजिल पर बने अपने कमरे में चला गया।
मां बोली-बेटे ने मारा
रात करीब दो बजे आरोपी ने माता-पिता के कमरे में पहुंचकर तवे से पिता लक्ष्मी प्रसाद के चेहरे एवं सिर पर कई वार कर दिए। चीख पुकार सुनकर पास में सो रही उनकी पत्नी विमला की आंख खुल गई। जैसे ही वह बीच-बचाव को आगे आईं अंकित ने उनके ऊपर भी तवे और डंडे से हमला कर दिया।मां विमला भी खून से लथपथ होकर वहीं पर गिर पड़ी। लक्ष्मी प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विमला गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद अंकित वापस अपने कमरे में चला गया। घटना का खुलासा तब हुआ जब झांसी में ही रहने वाली उनकी बेटी नीलम ने अपने पिता लक्ष्मीप्रसाद को फोन किया लेकिन फोन उठा नहीं।
लिहाजा उसने पड़ोसी काशीराम को फोन करके बताया कि उनके पिता का फोन नहीं उठ रहा है। इस पर काशीराम इनके घर पहुंचे। उन्होंने किसी तरह से दरवाजा खोला और भीतर जाकर देखा तो लक्ष्मीप्रसाद और उनकी पत्नी खून से लपथपथ अवस्था में बिस्तर पर पड़े थे। पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में मुहल्ले वाले भी जमा हो गए। उस समय विमला की सांसें चल रही थीं। उन्होंने ही पुलिस को बताया था कि उनके बेटे ने दोनों पर हमला किया था। कुछ ही देर बाद मेडिकल कालेज में विमला की भी मौत हो गई। पुलिस ने घर से ही आरोपी युवक अंकित को गिरफ्तार कर लिया है।
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