कराची। पाकिस्तान में एक बार फिर कट्टर पंथियों अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के साथ अत्याचार किया। उनके घरों पर गोलीबारी की, मंदिर पर रॉकेट से हमला किया, मंदिर को बुलडोजर से गिराया। जब तक गोलीबारी की आवाज सुनकर पुलिस पहुंची तब तक हमलावर फरार हो गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान में 48 घंटे में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की यह दूसरी घटना है। इससे पहले कराची में शुक्रवार रात 150 साल पुराना हिंदू मंदिर ढहा दिया गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि मारी माता मंदिर पर रात में बुलडोजर चलाया गया। उस वक्त इलाके में बिजली नहीं थी।
हमले के समय बंद था मंदिर
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रविवार को हमले के दौरान मंदिर बंद था, इसलिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। हमलावरों ने मंदिर के पास रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों के घरों पर भी हमला किया।शुरुआती जांच के मुताबिक हमलावर 8 से 9 लोग थे। पुलिस उनकी तलाशी के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मंदिर बागड़ी समुदाय की ओर से आयोजित किए जाने वाले धार्मिक सेवाओं के लिए हर साल खुलता है।
मंदिर पर बुलडोजर चलाया
कराची के लोगों ने बताया- शुक्रवार की रात कुछ लोग बुलडोजर लेकर आए और मारी माता मंदिर की बाहरी दीवारों और मेन गेट को छोड़कर भीतर से पूरा मंदिर तहस-नहस कर दिया। पाकिस्तानी न्यूज पेपर डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जब मंदिर को ढहाया जा रहा था, तब मंदिर ढहाने वालों को सुरक्षा देने के लिए पुलिस तैनात थी। यह मारी माता मंदिर मुखी चोहितराम रोड पर स्थित है। जिससे कुछ ही दूरी पर सोल्जर बाजार पुलिस स्टेशन भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर की जमीन को एक शॉपिंग प्लाजा प्रमोटर को 7 करोड़ रुपए में बेच दिया गया है। इसीलिए मंदिर को तोड़ दिया गया। जून 2022 में भी मारी माता मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया था।
मानवाधिकार आयोग ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आपराधिक गिरोह के तीस हिंदू महिलाओं और बच्चों के बंधक बनाए जाने पर चिंता जताई। साथ ही सिंध के काशमोर और घोटकी जिलों में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल भी उठाए। आयोग ने कहा कि सिंध गृह विभाग को हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों की जांच करनी चाहिए।
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