इटावा। इटावा के लायन सफारी पार्क से लगातार दुखद खबरें आ रही है, इससे वहां के प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है। कुछ दिन पहले मां बनी बब्बर शेरनी सोना के चार बच्चे एक — एक करके दुनिया गए गए, इससे पार्क प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है। सफारी पार्क की शेरनी सोना ने छह जुलाई को एक शावक को जन्म दिया था। वह शावक स्वस्थ है।
करीब 77 घंटे बाद नौ जुलाई को शेरनी ने तीन और शावकों को जन्म दिया था। इनमें से एक सुरक्षित था, जबकि 10 जुलाई को एक और मृत शावक पैदा हुआ था। सफारी प्रशासन की ओर से दो शावकों के स्वस्थ होने का बुधवार तक दावा किया जा रहा था। इस बीच गुरुवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे नौ जुलाई को जन्मे शावक की तबियत बिगड़ गई। पार्क के पशु चिकित्सकों की टीम के परीक्षण करने पर पाया गया कि उसके पेट फूलने एवं सांस लेने में समस्या आ रही थी। इलाज के दौरान ही अचानक 11:55 बजे शावक ने दम तोड़ दिया।
बरेली आईवीआरई भेजा शव
प्रथम दृष्टया मृत शरीर के परीक्षण पर सांस रुकने के कारण ही मौत होना पाया गया। शावक के मृत शरीर के पोस्टमार्टम के उपरांत ही मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लग सकेगा। तीन शावकों को इटावा में पोस्टमार्टम कराने के बाद सवाल उठने पर इस शावक के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, पांचवें शावक के दूध न पीने से अभी अस्थिर है। हालांकि सफारी प्रशासन उसके और शेरनी के स्वस्थ होने का दावा कर रहा है।
पहली बार शेरनी ने दिया 5 शावक को जन्म
सफारी प्रबंधन के अनुसार भारतीय बब्बर शेरनी में प्रथम प्रसव के दौरान लगभग 100 घंटे में पांच शावकों का जन्म देना दुर्लभ घटना है। गुजरात के विशेषज्ञों से हुई वार्ता में भी यह स्पष्ट हुआ है कि भारतीय बब्बर शेरों में प्रथम प्रसव के दौरान जन्मे शावकों का बच पाना लगभग संभव नहीं हो पाता है। बड़े लिटर साइज में यह संभावना और भी कम हो जाती है। बब्बर शेरनी सोना के छह जुलाई को जन्मे प्रथम शावक को सफारी के नियोनेटल सेंटर में वन्यजीव चिकित्सकों की सघन निगरानी में रखा गया है।
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