टमाटर की बेहताशा बढ़ी कीमतों पर भाकपा माले रेडस्टार की प्रतिक्रिया,रखरखाव के अभाव में खेतों में टमाटर की भारी पैमाने पर बर्बादी मंहगाई की मुख्य वजह

89

29 जून 2023,लखनऊ/बलिया। टमाटर उत्पादन में भारत चीन के बाद वैश्विक भागीदारी में 11 फीसद के साथ दूसरे स्थान पर है। बावजूद इसके मौजूदा समय में टमाटर की भारी किल्लत से 100 रु से ज्यादा टमाटर की खुदरा बाजार में मिल रहा है। जबकि मई के महीने में किसानों को टमाटर का रेट 2-5 रू किलो बमुश्किल मिल रहा था, भारी घाटे की वजह से मंडी तक टमाटर पहुंचाने के बजाय किसानों को विवश होकर टमाटर की फसलों को खेतों में ही बर्बाद करना पड़ा। अगर टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में रखरखाव के लिए पर्याप्त मात्रा में कोल्ड स्टोरेज होते तो न सिर्फ किसानों को वाजिब दाम मिल जाता बल्कि आज लोगों को इतना मंहगा टमाटर न खरीदना पड़ता। इसके अलावा यह भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि प्रसंस्कृत टमाटर के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बेहद कम है। शोध कार्यों में बेहद कम खर्च की वजह से भारत में टमाटर प्रसंस्करण उद्योग के लिए समुचित तकनीक का भी अभाव है। टमाटर प्रसंस्करण उद्योग में अमूमन बहुराष्ट्रीय कंपनियों का कब्जा है। अगर सरकार चाहे तो लोगों के समूह बनाकर उसके लिए उपयुक्त तकनीक मुहैया कराई जा सकती है जो लघु व कुटीर उद्योग के अनूकूल हो। इसके लिए विदेशी तकनीक की निर्भरता भी नहीं रहेगी। आइपीएफ ने मांग की कि टमाटर का भारी उत्पादन करने वाले सोनभद्र, मिर्जापुर व नौगढ़ में टमाटर के रखरखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज खोले जाएं और टमाटर प्रसंस्करण उद्योग के लिए सरकार यहां के युवाओं को पूंजी, तकनीकी व बाजार सुनिश्चित करे। इससे न सिर्फ किसानों को उचित मूल्य मिलेगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी होगा। अगर राष्ट्रीय स्तर पर सरकार इस तरह की नीति बनाए तो वैश्विक बाजार में निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ेगी, किसानों को वाजिब दाम के साथ ही टमाटर की बर्बादी व मंहगाई पर भी रोक लगेगी। टमाटर की बेइंतहा बढ़ी कीमतों पर यह प्रतिक्रिया भाकपा माले रेडस्टार उत्तर प्रदेश राज्य सांगठनिक कमेटी के समन्वयक कामरेड कन्हैया ने प्रेस को जारी बयान में दी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here