मां शब्द को किया कलंकित : सौतेली मां ने ही चार साल के मासूम की दी थी बलि, ऐसे आई पकड़ में

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Defamed the word mother: The step mother herself had sacrificed a four-year-old child, this is how she got caught
एक कलयुगी मां ने अपनी चार साल की बेटी की अपनी संतान के लिए बली चढ़ाई

अमेठी। मां शब्द दुनिया में सबसे कीमती होता है, इसकी तुलना किसी और शब्द से ​नहीं की जा सकती है, लेकिन एक कलयुगी मां ने अपनी चार साल की बेटी की अपनी संतान के लिए बली चढ़ाई थी, इसका खुलासा पुलिस ने किया, ऐसा उसने एक तांत्रिक के कहने पर किया था।

बुधवार को घटनास्थल से पूजन सामग्री हटाने की कोशिश में जुटे सौतेली मां समेत अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय थाने के रेशी गांव निवासी जितेंद्र कुमार प्रजापति के पुत्र सत्येंद्र रविवार की शाम घर से सामने आई बरात से गायब हो गया था। सोमवार की सुबह उसका शव गांव के बाहर तालाब की सूखी नाली में पड़ा मिला था। पिता जितेेंद्र की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया था।

तंत्र क्रिया की गई थी

मासूम के शव पर कई स्थानों पर कपूर से दगाने और पास में मिली अगरबत्ती समेत कई तथ्य तंत्र-मंत्र में बलि देने के लिए हत्या की ओर इशारा कर रहे थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी शरीर के 13 स्थानों पर आग से दागने के निशान मिलने व गला दबा कर हत्या करने की बात सामने आई थी। पुलिस को बुधवार की सुबह घटना स्थल से पूजा सामग्री हटाने की सूचना मिली। पुलिस ने गांव के बाहर बंधवा नहर के पास चार लोगों को धर दबोचा। इसमें मासूम की सौतेली मां रेनू तथा मुसाफिरखाना के नाथू का पुरवा निवासी रेनू के पिता मंगरू व उसकी मां प्रेमा देवी व सुल्तानपुर जिले के पूरे विसैनी गांव निवासी तांत्रिक दयाराम यादव शामिल थे।

तांत्रिक की सलाह पर दी थी बलि

पुलिस ने बताया कि प्रेमा देवी ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व पुत्री रेनू का विवाह जितेंद्र के साथ किया था। जितेंद्र की पहली पत्नी का पुत्र साथ में रहने से संपत्ति में बंटवारे की चिंता सता रही थी। इसी बीच उसकी पुत्री रेनू कई बार गर्भवती तो हुई लेकिन गर्भपात हो जाने की समस्या आ रहीं थी। शादी के बाद से अक्सर बीमार रही पुत्री रेनू की चिंता में तांत्रिक दयाराम से मिले। तांत्रिक ने बच्चे की बलि देने की बात कही। जब यह बात उसने अपनी पुत्री रेनू को बताई तो मिलकर मासूम सत्येेंद्र की बलि देने साजिश रच डाली

इस तरह वारदात को दिया अंजाम

11 जून को गांव में बरात आने में भीड़-भाड़ होने का फायदा उठाते हुए चारों ने मासूम सत्येंद्र को गांव के बाहर पीपल के पेड़ पर ले जाकर तंत्र-मंत्र व पूजा करने के बाद अगरबत्ती से दगा। इसके बाद गमछे से गला घोंट कर हत्या कर दी। घटनास्थल के पास से माचिस, चिलम,नीबू, जायफल व गमछा बरामद किया है। एचएसओ विवेक सिंह ने बताया कि सौतेली मां ने संतान की लालसा में माता-पिता व तांत्रिक के साथ मिलकर मासूम की बलि दी थी। आरोप स्वीकार करने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही विवेचना पूरी कर आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित करते हुए पैरवी कर सजा दिलाई जाएगी।

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