प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद तो भाई के साथ मारा गया, लेकिन अपराध के दुनिया में उसके हमराहों की पोल लगातार खुल रही है। कैसे लोग माफिया से जुड़कर उसके जुर्म में उसका बराबर का साथ दे रहे थे। ऐसे लोगों में एक नाम सामने आया हैं अधिवक्ता खान सौलत हनीफ का जिसका नाम उमेश पाल की हत्या से भी जुड़ा था। उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की कोर्ट ने 14 दिनों के न्यायिक अभिरक्षा में लिए जाने का आदेश दिया है। वह 10 मई तक न्यायिक अभिरक्षा में रहेगा। उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए पुलिस एक-दो दिन में अदालत से अभिरक्षा मांग सकती है।
नैनी जेल में बंद है हनीफ
अधिवक्ता खान सौलत हनीफ फिलवक्त उमेश पाल के अपहरण कांड में दिनेश पासी के साथ नैनी सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। उमेश पाल हत्याकांड के विवेचक ने सीजेएम दिनेश कुमार गौतम की कोर्ट में प्रार्थना देकर इस प्रकरण में आरोपी सौलत को तलब करने की गुजारिश की थी। अदालत ने इस हत्याकांड में आरोपी बनाए जाने का संज्ञान लेते हुए फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पहले से जेल में बंद हनीफ के लिए यह हिरासत एक तरह की न्यायिक प्रक्रिया है, जिसके आगे पुलिस कस्टडी रिमांड का रास्ता खुलता है।
अतीक के अपराधों में देता था साथ
पुलिस ने कोर्ट में आरोप लगाया है कि उम्र कैद की सजा काट रहा सौलत हनीफ न सिर्फ अपराधियों का साथी बना, बल्कि अधिवक्ता पेशे की मर्यादा को भी लांघ गया। अधिवक्ता की भूमिका अपने मुवक्किल को कानूनी सलाह या अदालत में उसके मुकदमों की पैरवी करने की ही होती है, लेकिन हनीफ इससे इतर जाते हुए अपराध में खुद शामिल हुआ। पुलिस ने आरोप लगाया है कि सौलत हनीफ ने अपने मोबाइल फोन से उमेश पाल की कई फोटो और अहम जानकारियां असद के मोबाइल पर भेजीं। उसने अदालत में उमेश पाल की गवाही बदलने की पूरी पटकथा भी लिखी थी। एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने भी एक फैसले में लिखा था कि सौलत ने किस प्रकार उमेश पाल की गवाही बदलने में अहम भूमिका निभाई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उमेश पाल हत्याकांड में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस हत्याकांड की साजिश में माफिया अतीक अहमद का करीबी खान सौलत हनीफ भी शामिल था। इसका खुलासा असद के मोबाइल फोन की जांच से हुआ है। पुलिस ने खान सौलत हनीफ को भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बना दिया है।
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