गुना। एमपी के गुना से एक आश्चर्यचकित करने वाला मामला सामने आया हैं, यहां एक बैंक ग्राहक अपने लोन की किस्त चुकाने के लिए बैंक के चक्कर काट रहा हैं, और बैंक अधिकारी उसकी किस्त जमा नहीं कर रहे हैं। डिफॉल्टर होने से बचने के लिए पीड़ित ने कि कलेक्टर की जनसुनवाई में मंगलवार को आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई है। अभी तक बकाया लोन की किश्ते जमा करवाने के लिए बैंक वाले के परेशान होने की खबरें सामने आती थी, ऐसा संभवत: पहली बार है कि कोई ग्राहक अपनी बैंक की बकाया किश्त जमा करने के लिए परेशान हो।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सांईसिटी कॉलोनी मालपुर निवासी तेजसिंह पुत्र देवीसिंह तोमर ने बताया कि उनका गढ़ा बैंक हाट रोड में खाता है। इससे पहले भी वह बैंक से दो बार लोन लेकर चुका चुके हैं। इस बार 11 जून 2019 को एक लाख रुपये का लोन लिया था। अब बैंक बंद हो गया है और वह अपने लोन की शेष तत्काल जमा करना चाहते हैं। इसके लिए बीते मार्च माह में 28 तारीख को भी जनसुनवाई में आवेदन दिया। उनका कहना है कि लोन की शेष राशि 40 हजार 276 रुपये है और 14170 रुपयेए बैंक में आंशिक पूंजी के रूप में जमा हैं। ऐसे में आंशिक राशि को समायोजित कर शेष 26170 रुपये बकाया लोन राशि जमा करने तैयार हूं, लेकिन बैंक के अधिकारी-कर्मचारी भ्रमित कर रहे हैं और राशि जमा नहीं कर रहे।
नो-ड्यूज दिलाने की मांग
तेजसिंह तोमर ने कहा कि पूर्व में भी उन्हें लोन पूरा चुकाने पर आंशिक राशि वापिस मिली थी। उनका कहना है कि नियमानुसार आंशिक राशि हो बैंक में जमा है, वह वापस दिलाई जाए। उन्होंने कलेक्टर से निवेदन किया कि उन्हें नो-ड्यूज दिलाई जाए, ताकि वह डिफॉल्टर न घोषित हो जाएं। क्योंकि उनके नाम पर लोन है और अगर पैसे जमा नहीं हुए तो वह डिफॉल्टर माने जाएंगे। ऐसे में उनके पैसे जल्द जमा कराए जाएं।
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