प्रयागराज। अधिवक्ता उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद समेत तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि अशरफ समेत सात को बरी कर दिया है।। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अतीक गैंग पर 101 मुकदमे दर्ज हैं। यह पहला मामला है, जिसमें अतीक दोषी ठहराया गया और सजा मिली है।अतीक के अलावा खान सौलत और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जज दिनेश चंद्र शुक्ल ने मामले में अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम समेत फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर को बरी कर दिया है।
फांसी की मांग
कोर्ट के फैसले के बाद उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा- मेरा बेटा शेर की तरह लड़ा था। अतीक को फांसी की सजा होनी चाहिए। पत्नी जया पाल ने कहा- योगी जी मेरे पिता समान हैं। वह हमारे परिवार का ध्यान रखेंगे। उमेश की मां शांति देवी ने कहा- अतीक अहमद ने मेरे बेटे की हत्या कराई हैं। तीन-तीन लोगों की जान गई। वो पुराना खुंखार बदमाश और डकैत है, वो नोटों के बल पर कुछ भी कर सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री से मेरी मांग है कि उसे फांसी दी जाए। मेरा सिर्फ एक बेटा नहीं मारा गया, दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गए। ऐसे में मेरे तीन बेटे मारे गए हैं। उसे अपहरण मामले में भले ही उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन मर्डर केस में उसे फांसी दी जाए।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा- मैं घर पर अकेली हूं। इसलिए मुख्यमंत्री जी से मांग करती हूं कि मेरी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। अतीक को अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा कोर्ट ने सुनाई है। इस फैसले पर मैं कुछ नहीं कहना चाहती हूं। मेरी मुख्यमंत्री से मांग है कि मेरे पति के मर्डर केस में अतीक को फांसी की सजा दिलाई जाए।
वकीलों ने फांसी दो फांसी के नारे लगाए
जब कोर्ट में अतीक को ले जाया गया, परिसर में वकीलों ने फांसी दो फांसी के नारे लगाए। इससे पहले नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया था। इसमें CCTV कैमरे और पर्दे लगे थे। कोर्ट तक 10 किमी की दूरी 28 मिनट में तय हुई। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था।
दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। इस बच, उमेश पाल मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की सुरक्षा देने की अपील खारिज कर दी है। अतीक ने याचिका में कहा था कि जब तक वो उत्तर प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है, उसे सुरक्षा दी जाए। अतीक ने कहा था कि वह यूपी की जेल में शिफ्ट नहीं होना चाहता। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतीक के वकील से कहा कि अपनी शिकायत लेकर हाईकोर्ट जाइए।
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