सीवान। शराबबंदी के बाद भी बिहार में समय—समय पर जहरीली शराब के कारण मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। दिसंबर में हुई मौत से उपजी कलह को अभी सरकार पूरी तरह से शांत भी नहीं कर पाई, अब फिर सीवान जिले में जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला जारी हो गया। रविवार को 12 घंटे में पेट दर्द और दिखने में दिक्कत होने की वजह से पांच लोगों की मौतें हो चुकी हैं। जहरीली शराब से मौतों के लक्षण के कारण सदर अस्पताल के साथ नबीगंज-बसंतपुर PHC में अफरातफरी मची है। सदर अस्पताल का गेट रात 9 बजे से बंद है।
लक्षणदेव राम के परिजन ने बताया कि शाम में वह शराब पी आए, रात में दिखना बंद और सुबह हो गई मौत। अब सोमवार को पोस्टमार्टम होगा। प्रशासन से संदिग्ध तीन मौतों की अबतक पुष्टि की है। सदर अस्पताल को छावनी की तरह नजरबंद रखा गया है। सिर्फ इमरजेंसी में आ रहे मरीजों को ही प्रवेश मिल रहा है। अंदर अभी एक दर्जन से ज्यादा मरीज पेटदर्द की शिकायत वाले भर्ती हैं। इनमें पांच ने आंखों से कम दिखने की शिकायत भी बताई है। अंदर प्रवेश नहीं मिलने के कारण मरीजों के परिजनों का अंदर जाते समय दिया गया बयान ही बीमारों के बारे में खबर का आधार बचा है।
यह मरीज आए सामने
गांव, पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक 26 बीमार सदर अस्पताल में रविवार रात 10 बजे तक दो मौतें हुई थीं, फिर रातभर में दो की मौत हुई। मृतकों की पहचान (1) नरेश बीन (2) जनक प्रसाद (3) रमेश राउत (4) सुरेन्द्र मांझी, (5) लक्षणदेव राम के रूप में हुई है। सीवान जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने अबतक तीन लोगों की मौत की पुष्टि की, हालांकि पोस्टमार्टम के बाद ही क्लियर हो पाएगा। सदर अस्पताल में हो रही मौतों के अलावा गांव से भी मौतों की जानकारी आ रही है, जिसमें एक की लाश जलाए जाने की भी खबर आ रही है। गांव, पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक 26 लोग शराब से बीमार बताए जा रहे हैं।
पहले आंख की रोशनी गई फिर मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मृतक लक्षणदेव राम के एक परिजन ने बताया कि सुबह होने के पहले वह नित्यक्रिया के लिए उठे तो चप्पल नहीं मिल रहा था। आवाज लगाने पर घर वालों ने पूछा तो बताए कि दिख नहीं रहा है। जहरीली शराब से हो रही मौतों के कारण हमलोगों ने पूछा कि शराब का सेवन कहीं किए हैं तो बताए कि रविवार शाम में कहीं से शराब पीकर आए थे। कहां से आए थे, यह नहीं बता सके। कुछ ही देर में तबीयत बिगड़ने लगी तो पास के सरकारी अस्पताल में ले गए, फिर वहां से सदर अस्पताल लेकर आए। यहां भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
इसे भी पढ़ें…