नईदिल्ली, बिजनेस डेस्क। साल 2022 अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और इस मौके पर खाताबुक ने अपने प्लेटफार्म पर इस साल एमएसएमई की डिजिटल गतिविधियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। खाताबुक द्वारा जारी 2022 – ए ईयर इन रिव्यू में भारत के एमएसएमई द्वारा डिजिटल पर बढ़ती निर्भरता की झलक देखी जा सकती है। ऍप से हर दिन 20 लाख से अधिक दैनिक सक्रिय यूज़र्स जुड़े हुए हैं जो देश के लगभग हर जिले से हैं, और खाताबुक की यह ऍप देश के एमएसएमई की कारोबारी गतिविधियों की एक झलक दिखाती है। 2022 के दौरान, खाताबुक के प्लेटफार्म पर 2 अरब से अधिक लेन-देन दर्ज हुए जिनका मूल्य ₹15 ट्रिलियन से अधिक रहा।
अरबों का कारोबार हुआ
इसके अलावा, खाताबुक ऍप पर अप्रैल 2022 के दौरान हर घंटे 1200 से ज्यादा नए लैजर्स भी तैयार हुए और पूरे साल भर के आंकड़े बताते हैं कि प्लेटफार्म पर हर घंटे 2.5 लाख नई लेन-देन प्रविष्टियां दर्ज हुईं जबकि अरबों का कारोबार हुआ। सबसे ज्यादा लेन-देन नवंबर 2022 में रिकार्ड किए गए जबकि सर्वाधिक मूल्य के लेन-देन अप्रैल 2022 में हुए। 6 दिसंबर, 2022 ऐसा दिन साबित हुआ जब एक ही दिन में सर्वाधिक लेन-देन प्रविष्टियां दर्ज हुईं।
इसके अलावा, खाताबुक ऍप के ऑटो-रिमाइंडर फीचर के चलते बकाया पेमेन्ट कलेक्शन के लिए मर्चेंट्स की तरफ से अपने ग्राहकों को हर घंटे 25 हजार से ज्यादा रिमांइडर्स भी भेजे गए। एमएसएमई द्वारा ऑटोमेटेड फोन कॉल्स के जरिए पेमेन्ट रिमाइंडर सबसे ज्यादा पसंद किया गया जबकि एसएमएस और व्हट्सऍप रिमाइंडर क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।खाताबुक ऍप के रिपोर्ट फीचर की मदद से मर्चेंट्स किसी भी अवधि या किसी खास ग्राहक की ट्रांज़ैशन हिस्ट्री देख सकते हैं और यह ऍप पर एमएसएमई के लिए काफी उपयोगी डिजिटल क्षमता है। हर घंटे, एमएसएमई द्वारा ऍप की मदद से अपने ग्राहकों के साथ 1900 से ज्यादा रिपोर्टें शेयर की जा रही हैं और ऍप से हर घंटे एमएसएमई 1400 से अधिक रिपोर्टों को डाउनलोड करते हैं।
गॉसरी का कारोबार सबसे अव्वल है
खाताबुक ऍप पर अपने ग्राहकों को जोड़ने के मामले में, महाराष्ट्र के मर्चेंट्स सर्वाधिक सक्रिय रहे और उनके बाद दिल्ली तथा राजस्थान का स्थान है, जिन्होंने सबसे ज्यादा लेन-देन दर्ज किया और ऍप के जरिए अपने ग्राहकों को पेमेन्ट संबंधी रिमाइंडर्स भेजे। हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के एमएसएमई को अन्य राज्यों की तुलना में अपने ग्राहकों से बकाया भुगतान की वसूली में सर्वाधिक औसत समय लगा। जहां तक कारोबारी श्रेणियों का सवाल है, गॉसरी सबसे अव्वल है और इसके बाद मोबाइल रिचार्ज एवं एक्सेसरीज़, तथा फिर रेस्टॉरेंट्स, कैफे और बेकरीज़ का स्थान है। अस्पतालों तथा फार्मा श्रेणियों ने अन्य श्रेणी के कारोबारों के मुकबाले,अपने ग्राहकों से बकाया भुगतान की वसूली में सबसे ज्यादा औसत समय लिया।
जीडीपी का अहम् हिस्सा
रवीश नरेश, सीईओ एवं को-फाउंडर, खाताबुक ने कहा, ‘’डेटा आधारित इन रुझानों से यह पता चलता है कि भारत के लघु एवं मध्यम कारोबारों द्वारा डिजिटल को किस हद तक अपनाया गया है और वे कितने कुशल हुए हैं। इस रिपोर्ट से आप यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि एमएसएमई द्वारा अपने हिसाब-किताब, रिपोर्टों, पेमेन्ट कलेक्शन आदि को मैनुअली दर्ज करने की तुलना में डिजिटली ऐसा करने से कितने घंटों की बचत की गई है। एमएसएमई के डिजिटाइज़ेशन के चलते, देश की प्रगति में भी योगदान हुआ है क्योंकि एमएसएमई हमारे देश की जीडीपी का अहम् हिस्सा हैं।”
खाताबुक से कुल-मिलाकर 1 करोड़ से अधिक मासिक सक्रिय यूज़र्स जुड़े हैं जो देश के लगभग हर जिले से आते हैं, और फिलहाल इसे हर महीने 10 लाख से अधिक बार इंस्टॉल किया जा रहा है। खाताबुक ने हाल में अपने प्लेटफार्म पर एमएसएमई लैंडिंग पायलट भी पूरा कर लिया है और यह अपनी फिनटैक SaaS पेशकश के अलावा अपने बिज़नेस मॉडल को अब फाइनेंशियल सेवाओं के लिए भी उपलब्ध करा रहा है। इसका वार्षिक सकल राजस्व ₹70 करोड़ का दर्ज हुआ है और अगले 18-20 महीनों में इसके मुनाफा आधारित होने की संभावना है।
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