यह कैसा बैन मोहल्ले में ही मिल जाती है शराब, जहरीली शराब से अब तक 30 मौत, 30 अस्पताल में भर्ती

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How is this ban, liquor is available only in the locality, 30 deaths due to poisonous liquor, 30 hospitalized
सीएम नीतीश कुमार विपक्ष के प्रश्न पर इतने आग बबूला हो गए कि वह तू तड़ाक की भाषा बोलने लगे।

पटना। बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने की वजह से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है,कई की हालत अभी भी खराब हैं। बिहार को शराब की तबाही से बचाने के लिए सरकार ने शराब को बैन किया है, इसके बाद भी हर मोहल्ले में आसानी से शराब मिल जा रही है, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि बैन के बाद शराब का कारोबार कैसे चल रहा है। शराब बैन के बाद हुई मौत से नीतीश सरकार बुरी तरह से घिरती नजर आ रही है, विपक्ष खासतौर से बीजेपी इस मुददे को जोरशोर से उठा रही हैं। ​बुधवार को सीएम नीतीश कुमार विपक्ष के प्रश्न पर इतने आग बबूला हो गए कि वह तू तड़ाक की भाषा बोलने लगे।

20 का हुआ पीएम

छपरा में जहरीली शराब से अब तक 30 लोगों की मौतें हो गई हैं। छपरा सदर अस्पताल में 6 लोगों का इलाज अब भी जारी है। सभी की हालत गंभीर बनी हुई है। 24 से ज्यादा लोग अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं। मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता हैं।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक 22 शवों का पोस्टमार्टम हुआ। कई लोगों ने शवों का चोरी चुपके भी अंतिम संस्कार कर दिया है। पुलिस ने अब तक 20 लोगों को हिरासत में लिया है।

मरीजों ने बताई शराबबंदी की सच्चाई

जहरीली शराब के शिकार हुए लोगों व परिजनों ने बताय कि उन्हें शराबबंदी के बाद भी आसानी से शराब मिल जाती है,वे लोग रोज शराब पीते है, यहां ​तक कि मोहल्ले में ही शराब मिल जाती है।अधिकतर मरीजों ने पूछताछ में स्प्रिट वाली शराब पीने की बात बताई है।सूत्रों के अनुसार डिस्ट्रीब्यूटर बहरौली का था, उसने ही दारु बेची है, वहां लोगों की हालत बिगड़ी है। वह पुलिस को सेट करके शराब बनाता और बेचता था। शराब की सप्लाई करने वाला भी दारु पीने के बाद मर गया।

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