चीन सैनिकों को जाबाज भारतीय सैनिकों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, सामने आया वीडियो

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Chinese soldiers were beaten up by Indian brave soldiers, video surfaced
300 से अधिक चीनी सैनिक 17 हजार फीट ऊंची चोटी पर कब्जे की फिराक में थे।

तवांग। चीन इन दिनों कोरोना की वजह से अंदरूनी विरोध से जूझ रहा है, ऐसे में अपने देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए वह भारत के साथ युद्ध करना चाह रहा है। इस उदृदेश्य से उसने अपने जवानों को बड़ी संख्या में भारतीय में घुसपैठ करने के लिए उकसाया, लेकिन उसकी यह साजिश भारतीय जवानों ने फेल कर दी। चीनी सैनिकों को भागने के लिए मजबूर कर दिया।गत दिवस हुई झड़प का वीडियो सामने आया, जिसमें भारतीय सैनिक चीनियों को दौड़ाकर मारते हुए दिख रहे है।

वीडियो में साफ दिख रहा है कि चीनी सैनिकों ने जैसे ही टेम्परेरी वॉल पर लगी तारबंदी को तोड़कर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की,मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने इनका जमकर मुकाबला किया और इन्हें खदेड़ दिया। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय-चीनी सैनिकों की भिड़ंत का है। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।आपकों बता दें कि 300 से अधिक चीनी सैनिक 17 हजार फीट ऊंची चोटी पर कब्जे की फिराक में थे। ठीक वैसे ही, जैसे 1999 में करगिल में पाकिस्तानी सेना ने किया था।

2 मिनट 47 सेकेंड का वीडियो वायरल

आपकों बता दें कि इन दिनों 2 मिनट 47 सेकेंड का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला कर रहे हैं। चीनी सैनिकों के हाथ में डंडे, कंटीली लाठियां दिख रही हैं। कंधों पर आधुनिक राइफलें टंगी हैं। वे अपने साथ वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन भी लेकर आए थे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बैटन से लैस थे। तो भारतीय सैनिक भी कंटीले डंडे लेकर खड़े थे। जैसे उन्होंने तार तोड़कर घुसने की कोशिश की भारतीय सैनिक टूट पड़े। चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।

 

चीनी सेना हमें पीछे धकेलना चाहती है

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सैनिक भारतीय जवानों के सीमा रेखा से दूर करना चाहती है। आपकों बता दें कि इस क्षेत्र में भारतीय सेना की ‘कवच वॉल’ को पीएलए के सैनिक हर गश्त के दौरान पीछे धकेलने की साजिश करते रहते हैं।चीन के मंसूबे इस बात से पता चलते हैं कि घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 2006 से 2010 के बीच चीनी सेना ने घुसपैठ की 300 कोशिशें की थीं।2015 से 2020 के बीच घुसपैठ की घटनाएं 300 से बढ़कर 600 तक पहुंच गईं। कब्जा बढ़ाकर चीन नई यथास्थिति बनाना चाहता है।

रक्षामंत्री ने दिया जवाब

राजनाथ ने तवांग में हुई झड़प मामले में विपक्षियों के सवालों के जवाब दिए थे। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय सैनिकों ने चीनियों को भागने के लिए मजबूर कर दिया।भारतीय सैनिकों को भी चीनी सैनिकों की हरकतों का अंदेशा हो गया था और वो भी ऐसे ही हथियारों से उनका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पहले से तैयार बैठे थे। जब दोनों सेनाओं का आमना-सामना हुआ तो भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को जमकर पीटा। इसके बाद डरे चीनी उल्टे पांव वहां से भागे। झड़प में चीन के कई सैनिकों की हडि्डयां टूटी थीं। भारत के 6 जवान घायल हुए। 9 दिसंबर की झड़प के बाद अब यहां सामान्य गश्त बहाल हो चुकी है। हालांकि, सेना पूरे सेक्टर में हाई अलर्ट पर है। सैनिकों को निर्देश है कि चीनी सेना को किसी भी विवादित इलाके में घुसने से बलपूर्वक रोक दिया जाए।


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