जहानाबाद के तीन गांव आठ महीने बने रहते है टापू, इसलिए नहीं हो रही बेटों की शादी

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Three villages of Jehanabad remain islands for eight months, so sons are not getting married
यहां के युवाओं की उम्र तो बढ़ती जा रही है, लेकिन रिश्ते नहीं आ रहे है।

जहानाबाद। बिहार का जहानाबाद जिला वैसे तो बिहार किसी अन्य जिले से अलग नहीं है, लेकिन यहां के तीन गांवों की कहानी बड़ी दुखदाई है। पुल नहीं होने से यहां के युवाओं की शादी नहीं हो रही हैं। यहां के युवाओं की उम्र तो बढ़ती जा रही है, लेकिन रिश्ते नहीं आ रहे है। बेटों की शादी नहीं होने से मां-बाप काफी परेशान है।

यहं के लोग जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारियों से लगातार यहां पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं। एक दशक में भी यहां पुल का निर्माण नहीं करा सके हैं। मामला काको प्रखंड का है। यहां के तीन गांव कोसियावा, सिकडीय और खगड़िया के लोग हर साल करीब आठ माह तक यह समस्या झेलते हैं। यह लोग पानी से भरे पईन में चलकर मुख्यालय जाने के लिए विवश हैं।

रास्ते न होने से लौट जाते है रिश्ते

ग्रामीणों का कहना है कि जब भी कोई अपनी बेटी की शादी के लिए हमारे गांव पहुंचता है और जैसे ही रास्ते में पानी लगता है, तो वे लौट कर चले जाते हैं। कहते हैं कि जब गांव में जाने का रास्ता ही नहीं है तो यहां अपनी बेटी की शादी कराकर उसका जीवन बर्बाद नहीं कर सकते। इसलिए इस गांव के लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं।

आठ महीने तक भरा रहता है पानी

ग्रामीण बताते हैं कि यदि कोई बीमार हो जाए तो सिवा झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज कराने के लिए कोई रास्ता नहीं है। गांव के लोग किसी तरह पानी को पार कर काको या जहानाबाद ले जाते हैं। अगर रात में कोई बीमार हो जाता है तो अस्पताल जाना मुश्किल है। लोगों का कहना है कि यह हालत साल में लगभग 8 महीने तक रहता है। हम लोग जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों से गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं। लेकिन पुल का निर्माण नहीं हो रहा है।

उनका कहना है कि सरकार गांव को शहर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कर रही है। लेकिन जब इन तीनों गांव की हालत देखी जाती है, तो इससे लगता है कि अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग विकास से कोसों दूर नजर आ रहे हैं। जबकि इस क्षेत्र से मंत्री भी रह चुके हैं।

नीतीश सरकार कुमार लगातार गददी से चिपके हुए है ​फिर भी आज तक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में नाकाम है। सरकार के प्रति यहां के लोगों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि बहुत से लोग बच्चों की शादी के लिए गांव से पलायन कर गए है, जो नहीं जा रहे है, उनकी शादी नहीं हो रही हैं, बेटियों के किसी तरह हो जाते है, लेकिन बेटों की शादी के लाले पड़े है।

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