- यूपीएल और क्लीनमैक्स एनवायरो एनर्जी सॉल्यूशंस प्रा लिमिटेड को करना है भारत के गुजरात राज्य में 61.05 मेगावाट की पवन सौर हाइब्रिड बिजली परियोजना का निर्माण
- इस परियोजना से यूपीएल विश्व स्तर पर अपनी कुल बिजली खपत की 30% जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करेगा
- कैप्टिव परियोजना से प्रति वर्ष 1.25 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी
मुंबई, बिजनेस डेस्क। टिकाऊ कृषि समाधान के वैश्विक प्रदाता यूपीएल लिमिटेड (एनएसई: यूपीएल और बीएसई: 512070 एलएसई: यूपीएलएल) (‘यूपीएल’) ने आज मुंबई स्थित अक्षय ऊर्जा समाधान कंपनी क्लीनमैक्स एनवायरो एनर्जी सॉल्यूशंस (‘क्लीनमैक्स’) के साथ भारत के गुजरात में एक हाइब्रिड सौर-पवन ऊर्जा ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के एक संयुक्त उद्यम की घोषणा की।
यूपीएल और क्लीनमैक्स 28.05 मेगावाट सौर ऊर्जा और 33 मेगावाट पवन ऊर्जा की क्षमता वाले हाइब्रिड कैप्टिव पावर प्लांट की स्थापना और संचालन करेंगे। दो सबसे तेजी से बढ़ती अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को मिलाकर, यह परियोजना यूपीएल को अपने अक्षय ऊर्जा उपयोग को कुल वैश्विक बिजली खपत (वर्तमान में 8% के मुकाबले) के 30% तक बढ़ाने में सक्षम बनाएगी। उनकी पूरक प्रकृति के कारण, पवन सौर हाइब्रिड बिजली संयंत्र अत्यधिक कुशल और विश्वसनीय हैं व निरंतर बिजली आपूर्ति प्रदान करते हैं जो बिजली भार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।
कृषि भागीदारों के साथ स्थिरता
यूपीएल के ग्लोबल सीईओ जय श्रॉफ ने कहा, यूपीएल में, हम आंतरिक रूप से व अपने कृषि भागीदारों के साथ स्थिरता को फिर से परिभाषित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सुनिश्चित करने से कि हमारे पास विश्वसनीय, स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच है, उस दृष्टि को साकार करने में मदद मिलेगी क्योंकि हम अपने कार्बन पदचिह्न को काफी कम करते हैं।हम इस साझेदारी के माध्यम से अपने ओपनएजी नेटवर्क में क्लीनमैक्स का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं और भारत की हरित ऊर्जा लहर में शामिल होने के लिए उत्साहित हैं।
सौर ऊर्जा को जोड़ती है
क्लीनमैक्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक कुलदीप जैन ने कहा, यह 61.05 मेगावाट की कैप्टिव विंड सोलर हाइब्रिड परियोजना गुजरात में क्लीनमैक्स द्वारा विकसित एक बड़े पवन सौर हाइब्रिड फार्म का एक हिस्सा है। क्लीनमैक्स विंड सोलर हाइब्रिड फार्म की कुल क्षमता 400 मेगावाट से अधिक है; 230 मेगावाट पवन और 180 मेगावाट सौर शामिल; इससे प्रति वर्ष 8.75 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर कार्बन में कमी आएगी। हम यूपीएल के साथ साझेदारी करने को लेकर उत्साहित हैं। हाइब्रिड प्लांट पवन और सौर ऊर्जा को जोड़ती है ताकि यूपीएल को महीनों और दिन के अलग-अलग समय में अक्षय ऊर्जा की लगातार उच्च आपूर्ति बनाए रखी जा सके।
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