वाराणसी। बाबा विश्वनाथधाम के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दो पक्षों में कई सालों से तकरार चल रही है। दोनों पक्षों के दांवों की हकीकत जानने के लिए कोर्ट के आदेश पर शनिवार से सर्वे चल रहा है। इस बीच एक और रहस्य सामने आया। दरअसल ज्ञानवापी परिसर के तहखाने के बंद तालों की चाबी 16 साल बाद सार्वजनिक रूप से सामने आई। चार जनवरी 1993 को विवाद के बाद बंद हुए तालों की चाबी राजकीय कोषागार में जमा करा दी गई थी। मगर, 2006 में किसी मौके पर चाबियां कोषागार से निकालकर पुलिस को दी गई थी। इसके बाद से ही चाबी को लेकर संशय की स्थिति बन गई थी। यही कारण है कि न्यायालय ने चाबी पर संशय होने की ताला खोलने या तोड़ने का आदेश दिया था।
कमीशन वाली जगह आराजी 9130 की नापी के लिए तहसील की टीम का गठन किया गया है। तहसील में दर्ज रिकार्ड को कमीशन की कार्यवाही में शामिल किया जाएगा। रविवार को तहखानों के बाद दीवारों व अन्य जगहों का सर्वे कराया जाएगा। कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पास ही इनकी चाबियां रहेंगी।
अदालत के आदेश पर शनिवार की सुबह कमीशन की कार्यवाही शुरू होने से पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्य चाबी लेकर उपस्थित हो गए थे। दरअसल, जिलाधिकारी की ओर से जारी नोटिस में साफ कहा गया था कि अगर चाबी उपलब्ध है तो कमीशन की कार्यवाही के दौरान लेकर उपस्थित रहें। अन्यथा ताला तोड़कर चाबी कोषागार में जमा करा दी जाएंगी।
न्यायालय में रिपोर्ट बताएगी हकीकत
अदालत के आदेश के बाद शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही के दौरान टीम ने पूरी पड़ताल की और तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिन्ह, दीवारों की कलाकृति और खंभों की फोटो व वीडियोग्राफी भी करवाई। न्यायालय से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्तों के साथ वादी और प्रतिवादी पक्ष के 52 लोगों की टीम ने एक —एक पहलुओं पर गहन जांच की। पहले दिन की कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद कुछ लोगों ने साक्ष्यों को लेकर अपने अपने दावे भी किए। मगर, टीम को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सर्वे से जुड़ी कोई भी जानकारी बाहर नहीं आनी चाहिए। ऐसे में सर्वे टीम के किसी भी सदस्य ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। अब कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत होने वाली रिपोर्ट की हकीकत बयां करेगी।
17 मई को सौंपनी है रिपोर्ट
आपकों बता दें कि कोर्ट ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि तय की है। रविवार को सर्वे के बाद आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। कारण, अगर कमीशन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे। यदि टीम को लगता है कि कमीशन के लिए और समय की आवश्यकता है तो वह न्यायालय से अगली तिथि पर रिपोर्ट पेश करने की अनुमति भी मांग सकती है।
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