नई दिल्ली। रूस द्वारा यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले के बीच विश्व भर कटघरे में खड़े रूस का चीन ने समर्थन करते हुए NATO को चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि रूस को हाशिए पर धकेलने की पश्चिमी देशों की कोशिशों के भयानक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी राजनयिक ने कहा है कि नाटो को अपने दावे पर अड़िग रहना चाहिए जिसमें उसने वादा किया है,
कि वह पूर्व दिशा की ओर विस्तार नहीं करेगा। बताया गया कि चीन के उप विदेशमंत्री ली युचेंग ने शनिवार को दिए भाषण में यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के जवाब में पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर सख्त पाबंदियों की आलोचना करते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध की जड़ में शीतयुद्ध की मानसिकता और ताकत की राजनीति है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार क्रेमलिन (रूसी सरकार का मुख्यालय) के रुख का समर्थन करते हुए चीनी राजनयिक ने कहा कि यदि नाटो का विस्तार और होगा,तो यह मॉस्को के करीब पहुंच जाएगा जहां से मिसाइल पांच से सात मिनट में क्रेमलिन को निशाना बना सकते हैं। उनके मुताबिक प्रमुख देश को खासतौर पर परमाणु संपन्न देश को हाशिये पर धकेलने का भयानक परिणाम होगा जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।
रूस से संवाद जरूरी
वहीं उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बार-बार दोहराए गए रुख का समर्थन करते हुए कहा कि नाटो को विघठित करना चाहिए था और वॉरसा संधि के साथ इतिहास में भेजना चाहिए था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी राजनयिक ने कहा कि हालांकि, नाटो को विखंडित करने के बजाय मजबूत और विस्तार किया गया है, और इसने युगोस्लाविया, इराक, सीरिया और अफगानिस्तान देशों में सैन्य हस्तक्षेप किया गया।
उनके मुताबिक कोई भी इस रास्ते के परिणाम का अनुमान लगा सकता है। बताया गया कि यूक्रेन संकट कड़ी चेतावनी है। वहीं युचेंग के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत में यूक्रेन के पक्षों को राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने और चल रहे संवाद और वार्ता को जारी रखने का आह्वान किया।
बताया गया कि यूक्रेन और नाटो को भी रूस से संवाद करना चाहिए जिससे यूक्रेन संकट का समाधान किया जा सके और रूस और यूक्रेन दोनों की सुरक्षा चिंताओं का समाधान हो सके।
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