​देश की बदलेगी राजनीति, विपक्ष बिहार के सीएम नीतीश को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने की तैयारी में

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The politics of the country will change, the opposition is preparing to make Bihar CM Nitish the candidate of the President
प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार को तैयार करने से लेकर दूसरे दलों से संपर्क साधने के लिए माध्यम बनाया गया है।

पटना। देश की राजनीति में फिर बदलाव की बहार आने वाले, देश के बड़े चुनावी रणनीतिकार पीके इस बार फिल्डिंग लगाने में जुटे है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पांच राज्यों में हो रहे ​विधान सभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति चुनाव होने है। इस चुनाव में विपक्ष की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते है। प्रशांत किशोर से मुलाकात के पीछे असली वजह राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी है कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के बाद इस तरह के सवाल सियासी गलियारों में उठ खड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने इसकी कवायद शुरू की है और प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार को तैयार करने से लेकर दूसरे दलों से संपर्क साधने के लिए माध्यम बनाया गया है।

केसीआार सेट कर रहे गोटियां

मालूम हो कि इसी साल जुलाई-अगस्त में राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। इसको लेकर बीजेपी के खिलाफ बेहद मुखर तेलंगाना के सीएम केसीआर ने गोटियां सेट करनी शुरू कर दी है। उन्होंने गैर भाजपा और गैर-कांग्रेसी दलों को एकजुट करने की पहल की है।आपकों बता दें कि इसी महीने प्रशांत किशोर और केसीआर के बीच मुलाकात हुई थी। इसके बाद प्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की।

ध्यान रहे कि पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने भी केसीआर के अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इन सभी मुलाकातों का एजेंडा राष्ट्रपति चुनाव के जरिए बीजेपी को झटका देने की प्लानिंग है। केसीआर की कोशिश की है कि कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी जैसे टीएमसी, सपा, आप, आरजेडी, जेडीयू जैसे दलों को साथ लाया जाए। केसीआर को उम्मीद है कि नीतीश कुमार बेहद मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं और कांग्रेस भी उनको समर्थन देने को मजबूर हो सकती है।

बिहार की बदलेगी सियासत

विपक्ष की ओर नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले कई बार इस बात को लेकर भी अटकलें लगी थीं कि बीजेपी नीतीश को उपराष्ट्रपति बना सकती है। हालांकि, अब नए समीकरणों के उभरने के बाद बिहार की सियासत में भी भूचाल आ सकता है। नीतीश यदि विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो बीजेपी से उनका अलगाव तय माना जा रहा है। ऐसे में यदि आरजेडी और जेडीयू साथ आते हैं तो बीजेपी को सत्ता से बाहर जाना पड़ेगा।

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