बजट-2022: किसानों-कारोबारियों की पूरी नहीं हुईं ये उम्‍मीदें,टैक्स पेयर्स की भी टूटी आस

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास को टैक्स में छूट क्यों नहीं दी गई? पर सफाई भी दी। कहा- हमने दो साल से टैक्स नहीं बढ़ाया है। ये सबसे बड़ी राहत की बात है। यह बजट आम लोगों का बजट है।

नई दिल्ली। उम्मीदों की लहर धरी रह गई और निर्मला सीतारमण ने बजट पेश भी कर दिया। बोलीं 1 घंटा 31 मिनट, लेकिन सब कह रहे कि ये बजट महज भाषण सा लगा। टैक्स स्लैब नहीं बदला है। कोरोना से जुड़ी कोई रियायत नहीं है। किसानों को सिर्फ कहने को मिला है।

बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास को टैक्स में छूट क्यों नहीं दी गई? पर सफाई भी दी। कहा- हमने दो साल से टैक्स नहीं बढ़ाया है। ये सबसे बड़ी राहत की बात है। यह बजट आम लोगों का बजट है। वित्त मंत्री कुछ ऐसी बातें जरूर कह गईं जिन पर चर्चा जारी है। मसलन- सरकार अब डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी।

साथ ही इन्वेस्टमेंट का सबसे पॉपुलर जरिया बन चुकी क्रिप्टोकरेंसी की कमाई पर 30% टैक्स लेगी। दरअसल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट है। बजट में नौकरीपेशा लोगों, किसानों और कारोबारियों को कोई अहम सौगात नहीं मिली है, लेकिन इसमें डिजिटल करेंसी, डिजिटल बैंकिंग यूनिट का बड़ा ऐलान शामिल है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसान चाहते थे कि खाद सब्सिडी बढ़ाई जाए, बजट में इसका जिक्र नहीं है। किसानों का कहना था कि बिजली बहुत महंगी हो गई है। किसान भी राहत पैकेज मांग रहे थे। कृषि की लागत लगातार बढ़ रही है और कमाई कम हो रही है।

इन चीजों पर चुकानी पड़ेगी अधिक कीमत

जानकारों के मुताबिक इसके अलावा लेदर एक्‍सपोर्टर चाहते थे कि इम्‍पोर्ट ड्यूटी जीरो की जाए। कहा गया कि इनकम टैक्‍स कम किया जाए क्‍योंकि कोरोना महामारी के दौरान उनका काफी नुकसान हुआ है। वहीं कोविड रिलीफ पैकेज के तहत छोटे लघु उद्योगों को अधिक क्रेडिट मुहैया कराया जाएं, इसकी अवधि 10 साल के लिए बढ़ाई जाए।

इस मांग को सरकार ने आंशिक रूप से मानते हुए 2023 तक ही बढ़ाया है। एक अहम बात यह है कि हाईटेक इंजीनियरिंग सेक्‍टर में सप्‍लाई चेन पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई है। बताया गया कि अभी भी बैंकों से क्रेडिट नहीं मिल रहा है। इस मामले में कुछ राहत दी गई है मगर ज्यादा राहत की मांग थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में आखिर में कहा है कि 1 अक्‍टूबर 2022 के बाद, भारत में जो भी अनब्‍लेंडेड पेट्रोल, यानी वह पेट्रोल जिसमें एथेनॉल नहीं मिलाया गया है, उस पर दो रुपये प्रति लीटर की एडीशनल एक्‍साइज ड्यूटी लगाई जाएगी। यह ड्यूटी रिफाइनरी कंपनी पर लगेगा।

स्‍वाभाविक है कि यदि तेल कंपनी का खर्च बढ़ता है तो इसका असर उपभोक्‍ता पर पड़ सकता है, और ऐसे में पेट्रोल महंगा होना तय है।

नौकरीपेशा लोगों की उम्मीदें भी धराशायी

ऐसी उम्मीद थी कि 80C का दायरा बढ़ाया जाएगा। कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम कल्चर में ढल चुके इम्प्लॉइज को राहत मिलेगी, पर ऐसा नहीं हुआ। ऐसे इम्प्लॉइज की संख्या 82% से अधिक थी, जो दफ्तर नहीं जाना चाहते। 80C के तहत निवेश और खर्चों में पुरानी 1.5 लाख की लिमिट।

वर्क फ्रॉम होम वर्कर के लिए कोई स्पेशल अलाउंस नहीं दिया गया है। वहीं कोरोना के वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबारी हुए है। सरकार ने पिछले साल MSME के लिए 15 हजार 700 करोड़ रुपए का ऐलान किया था। इस बार भी पैकेज का ऐलान किया गया। इसके साथ ही GST पर फील गुड फैक्टर का जिक्र किया गया।

वहीं MSME के लिए अगले 5 साल के लिए 6 हजार करोड़,डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस, ई-पोर्टल लॉन्च किया गया है। वहीं ड्रोन शक्ति के लिए स्टार्टअप को प्रमोशन का ऐलान भी किया गया है। बताया गया कि जनवरी में रिकॉर्ड 1.4 लाख करोड़ GST कलेक्शन हुआ है।

पीएम किसान सम्मान निधि नहीं बढ़ी

ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार किया जाएगा, पर ऐसा नहीं हुआ। हां, कुछ और ऐलान हुए जो निश्चित तौर पर किसान के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

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