लखनऊ। पूर्वी अफगानिस्तान के ज़ाज़ी जिले में कट्टरपंथी तालिबान गुंडों द्वारा एक पेशेवर लोक कलाकार पर हमले का कड़ा विरोध करते हुए, प्रोग्रेसिव कल्चरल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की उत्तर प्रदेश यूनिट के आशुकान्त सिन्हा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, “अफगानिस्तान में तालिबान सरकार कलाकारों और संगीतकारों पर जघन्य हमलों से अफगानिस्तान में सांस्कृतिक परंपराओं को नष्ट करने के लिए कट्टरपंथी अपराधियों के गिरोहों को शामिल कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ये हमले शारीरिक यातना तक सीमित नहीं हैं बल्कि कलाकारों की हत्या भी की गई है। यहां तक कि फवाद अंदाराबी, नजर महमद जैसे मशहूर कलाकारों को भी नहीं बख्शा गया है। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी की घटना ने सभ्यता की हदें पार कर दी। उस दिन, एक लोक कलाकार को बुरी तरह पीटा गया, उसके हारमोनियम में आग लगा दी गई, और उसे गुंडों के साथ हंसने के लिए मजबूर किया गया, जबकि हारमोनियम, उसका प्रिय वाद्य यंत्र, उसकी आंखों के सामने जल रहा था।
उन्होंने कहा कि प्रोग्रेसिव कल्चरल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ऐसी कट्टरपंथी आपराधिक गतिविधियों और कला और संगीत पर हमलों का कड़ा विरोध करती हैं तथा सभी सही सोच वाले और लोकतांत्रिक विचारधारा वाले लोगों से अपील करती हैं कि मानव सभ्यता के हित में हर तरह के कट्टरवाद को खत्म करने के लिए आगे आये।वहीं डा. राही मासूम रज़ा साहित्य अकादमी, लखनऊ के महामंत्री राम किशोर तथा पीपुल्स यूनिटी फोरम, लखनऊ के संयोजक वीरेंद्र त्रिपाठी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कलाकारों के प्रति अपनी एकजुटता का इजहार किया।
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