कन्नौज। यूपी में इत्र नगरी के नाम से मशहूर कन्नौज की पहचान में एक और नाम जुड़ गया और वह नाम है इत्र कारोबारी पीयूष जैन का। पीयूष जैन को लगी अभी तक सीधे—सादे छोटे इत्र कारोबारी के रूप में जानते थे, लेकिन तीन दिन से चल रही आयकर विभाग की कार्रवाई ने पीयूष जैन काली कमाई से जब पर्दा उठ रहा है तो हर कोई हैरान है। क्योंकि इससे पहले पीयूष जैन किसी बड़ी गाड़ी से नहीं चलते हुए एक पुरानी स्कूटी से चलता था। एक पखवाड़े पहले तक भी कन्नौज प्रवास के दौरान स्कूटर से ही परिचितों के यहां गए।
किसी को नहीं हो रहा विश्वास
आपकों बता दें कि शहर में वर्षों पुराने प्रिया स्कूटर और सैंट्रो कार लेकर घूमने वाले पीयूष व अंबरीश जैन ने इतनी संपत्ति अर्जित कर ली है, इस पर किसी को सहज विश्वास नहीं हो रहा। अब लोग उनके रहन-सहन और सादगी के बारे में बताने लगे हैं। शहर में कई बड़े इत्र कारोबारी हैं, जिनके पास कीमती कारें हैं। वह इनसे ही घूमते हैं, लेकिन पीयूष जैन शादी समारोह में पुराने प्रिया स्कूटर या सैंट्रो कार से ही आते-जाते थे। कपड़े भी साधारण ही पहनते थे, जिससे कोई यह अंदाजा नहीं लगा सकता था कि उनके घरों में इतनी नकदी रखी होगी। अभी तक लोग जिले के टाप-10 अमीरों में भी इनका नाम शामिल नहीं कर रहे थे।
रोज मंदिर जाते थे पीयूष
कारोबारी पीयूष जैन की दिनचर्या की बात करें तो आम आदमी से बिल्कुल अलग थी। मोहल्ला छिपट्टी के लोगों का कहना है कि उनके मकान के दरवाजे हमेशा बंद रहते थे। किसी को भी पता नहीं चलता था कि अंदर क्या हो रहा है। जब वह यहां होते थे तो प्रतिदिन दोपहर 12 बजे के करीब वह घर से बाहर निकलकर जैन मंदिर दर्शन करने जाते थे। इसके बाद फिर से घर में कैद हो जाते थे। रात में वह कंपाउंड तैयार करते थे, इस वजह से सुबह देर से उठते थे। जब भी कानपुर जाते तो वह रोडवेज बस का इस्तेमाल करते थे। लोगों का कहना था कि भिखारियों को भिक्षा देने के लिए भी कोई घर से नहीं निकलता था।
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